जेट एयरवेज (Jet airways) के 6 और विमान आज (बृहस्पतिवार) को खड़े कर दिए गए. इन्हें मिलाकर कंपनी के कुल 19 विमान अब उड़ान नहीं भर सकते हैं. घाटे में चल रही निजी क्षेत्र की कंपनी जेट एयरवेज ने यह विमान पट्टे पर लिए हुए हैं और वह इनका किराया चुकाने में नाकाम रही. कंपनी द्वारा शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार भारी नकदी संकट के चलते इस माह में अब तक उसके कुल 19 विमान परिचालन से बाहर हो चुके हैं. कंपनी इन विमानों का पट्टा किराया चुकाने में नाकाम रही है.
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कंपनी का कहना है कि इन विमानों के खड़े होने से वह अपने नेटवर्क में व्यवधान को न्यूनतम करने के सभी प्रयास कर रही है और प्रभावित होने वाले यात्रियों को ‘सक्रिय’ तौर पर इसकी जानकारी दे रही है.
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बता दें कि जेट एयरवेज ने चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर 2018 को खत्म हुई तिमाही में 587.7 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था, जबकि कंपनी ने एक साल पहले की समान तिमाही में 165.25 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था. कंपनी ने एक बयान में कहा था, 'चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आरएएसके (रेवेन्यू पर एवलेबल सीट किलोमीटर) में सुधार दर्ज किया गया, जिसकी वृद्धि दर 2.6 फीसदी रही. बयान में कहा गया कि मौसमी मांग भी तेज रही और इसके कारण किराया भी तेज रहा. लेकिन कच्चे तेल की लागत (साल-दर-साल आधार पर 29 फीसदी की तेजी) बढ़ने के कारण और भारतीय रुपये के कमजोर होने के बाद विमानन कंपनी के कुल व्यापारिक प्रदर्शन प्रभावित हुआ.
Source : PTI