आर्थिक मामलों के जानकार शरद कोहली न्यूज़ नेशन पर बयान दिया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. उसकी हालत किसी जमाने में जिंबाब्वे से भी बुरी है. पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 3 फीसदी के आस-पास है, जबकि महंगाई दर 11 फीसदी से भी ज्यादा है. पाकिस्तान में अब कोई निवेश नहीं करना चाहता है. यहां तक कि आईएमएफ (IMF) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) भी इसलिए लोन दे रहा है कि उनके पुराने लोन का पैसा कम से कम वापस मिल सके.
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पाकिस्तान की स्थिति को जांचने जाएगा IMF का प्रतिनिधिमंडल
आईएमएफ की तरफ से जो प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान जाएगा. वह ना सिर्फ तमाम दस्तावेजों को चेक करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि पाकिस्तान के बजट की स्थिति क्या है. पाकिस्तान का फिजिकल डेफिसिट किस हालत में है, पाकिस्तान में लोगों की स्थिति कैसी है, पाकिस्तान में कहीं कल्याणकारी योजनाओं में ज्यादा पैसा तो नहीं खर्च हो रहा, भ्रष्टाचार किस चरम सीमा तक पहुंच गया है और इसके बाद यह भी संभव है कि IMF यह घोषणा कर दे कि अब किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संस्था जैसे वर्ल्ड बैंक, IMF या एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) से पाकिस्तान को कर्ज नहीं दिया जाएगा.
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युद्ध होने पर 2 दिन में दिवालिया हो जाएगा पाकिस्तान
मेरी जानकारी के मुताबिक अगर भारत के साथ पाकिस्तान का युद्ध होता है तो पाकिस्तान दो दिन में ही दिवालिया हो सकता है. भारत के साथ उसे स्पेस रेस के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए. पाकिस्तान की अंतरिक्ष तकनीक हमसे बहुत पीछे हैं. भले ही chandrayaan-2 पूरी तरह से सफल नहीं हुआ हो, लेकिन फिर भी इसरो पाकिस्तान के तुलना में बहुत आगे है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस हालत में है ही नहीं कि पाकिस्तान हमारे साथ अंतरिक्ष या फिर सेना को लेकर किसी तरह की होड़ करें.
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यह ठीक है कि तुर्की, सऊदी अरब और चीन जैसे देश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अभी भी जिंदा रखे हुए हैं, लेकिन उसके पीछे उनके अलग-अलग हित हैं. जैसे चीन और पाकिस्तान दोनों भारत को कमजोर बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं लेकिन पाकिस्तान की छवि इतनी खराब हो चुकी है कि अब बड़ी कंपनियां वहां निवेश भी नहीं करना चाहती हैं.
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पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से टेक्सटाइल और कृषि पर निर्भर है. पाकिस्तान की टेक्सटाइल जो किसी जमाने में बहुत अच्छी हुआ करती थी. अब पश्चिमी देशों में अपनी छवि खो चुकी है और खाड़ी देशों में भी उसकी स्थिति में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे हालात से गुजर रही है. यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े शहरों को छोड़कर वहां खाने की कमी हो गई है. सरकारी कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है.