भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार मात्रात्मक रूप से बढ़ रहा है, ऐसे में अर्थव्यवस्था में अधिक मुद्रा की जरूरत होगी. नवंबर 2016 में मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के बड़े नोट बंद किए जाने के बाद सिस्टम में नकदी की कमी हुई थी. आरबीआई अधिकारी ने कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर बढ़ने के बाद अब प्रणाली में अधिक मुद्रा की जरूरत है.
नोटबंदी के बाद सरकार ने 500 का नया नोट जारी किया था लेकिन 1000 रुपये के नोट को बंद कर दिया था. हालांकि आरबीआई उसी वक्त 2,000 का नया नोट भी लाया था.
आरबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सिस्टम में जाली नोटों में काफी कमी आई है और जो भी जाली नोट अभी प्रचलन में हैं वे काफी हल्के-फुल्के रूप में हैं. अधिकारी ने कहा, 'बैंक घरेलू मुद्रा में अधिक सुरक्षा उपायों को जारी करेगा. इसके लिए पात्रता पूर्व का निविदा नोटिस निकाला गया है.'
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गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बारे में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रिजर्व बैंक जमा लेने वाली एनबीएफसी के लिए बैंकिंग लोकपाल नियुक्त करेगा. इसके साथ ही डिजिटल लोकपाल भी होगा.
अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय रणनीति पर काम कर रहा है. आरबीआई ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिससे उन्हें बैंक ऋण बिना किसी परेशानी के मिल सके.
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Source : News Nation Bureau