बीते महीने मई में थोक मंहगाई दर 2.17 प्रतिशत आंकी गई है। थोक मूल्यों पर आधारित देश की सालाना मंहगाई दर में खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण बीते महीने गिरावट देखने को मिली है।
इसके चलती ही मई में थोक महंगाई दर 2.17 प्रतिशत दर्ज की गई जोकि अप्रैल में इसकी दर 3.85 प्रतिशत थी।
जबकि पिछले साल मई महीने में यह -0.90 फीसदी रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक संशोधित आधार वर्ष 2011-12 के साथ थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित सालाना मुद्रास्फीति की दर पिछले साल मई में घटकर नकारात्मक 0.90 प्रतिशत रही थी।
वहीं 13 जून को आए रिटेल मंहगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई थी। मई महीने की रिटेल महंगाई दर कम होकर 2.18 फीसदी हो गई थी।
न्यूनतम स्तर पर खुदरा महंगाई दर, औद्योगिक उत्पादन घटा, RBI पर ब्याज में कटौती का दबाव बढ़ा
बता दें कि साल 2012 से सरकार ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों को अलग से जारी करना शुरू किया था, जिसके बाद से यह अब तक का सबसे न्यूनतम स्तर है। इसी के साथ आने वाले दिनों में रिज़र्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव बढ़ने की उम्मीद है।
बता दें की 7 जून को आई मौद्रिक नीति समीक्षा में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था और रेपो-रिवर्स रेपो समान स्तरों पर बरकरार रखे गए थे।
आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव
हालांकि बीते कुछ समय से आरबीआई मौद्रिक नीति में बदलाव न करने की वजह मुद्रास्फीति की ऊंची दर बताई थी। बीती मौद्रिक नीति समीक्षा में भी रिज़र्व बैंक ने जीएसटी लागू होने का हवाला देते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की थी।
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Source : News Nation Bureau