उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए राज्य में एमएसएमई पार्क की स्थापना को रफ्तार मिली है। सूबे के यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) द्वारा गौतम बुद्धनगर (नोएडा) जिले के सेक्टर 29 और सेक्टर 32 में बतौर मॉडल विकसित किए जा रहे पार्क में 812 निवेशकों ने जमीन खरीदी है। यूपी के इन दो पहले एमएसएमई पार्क में निवेशक 2345 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी फैक्ट्री उक्त पार्क में लगायेंगे, जिससे 42,800 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी पार्क बनेंगे। इसके अलावा आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी यह बनाने की कार्रवाई की जा रही है। इन छह जिलों में एमएसएमई इकाइयों की भारी तादाद है, पार्क की स्थापना से एमएसएमई इकाइयों को लाभ होगा।
गौरतलब है कि राज्य में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से कृषि क्षेत्र के बाद एमएसएमई सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है। एमएसएमई की संख्या के लिहाज से देश में यूपी की हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत है। एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से प्रदेश लगातार तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर रहा है। आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में एमएसएमई इकाइयों की भारी तादाद है।
इन पार्कों में कारखाने और फैक्ट्री शेड के साथ-साथ बिजनेस और शॉपिंग सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, होटल-रेस्टोरेंट, हॉस्टल, ऑफिस ब्लॉक, स्वास्थ्य और फायर स्टेशन जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाए। साथ ही बिजली, पानी और सड़क आदि की भी बेहतर व्यवस्था की जाएगी। पार्क में ही सर्टिफिकेशन लैब भी तैयार की जाएगी। भंडार गृह, कंटेनर और ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्च र, फ्यूल स्टेशन को भी इन इंडस्ट्रियल पार्कों में तैयार किया जाएगा।
राज्य में 20 से लेकर 100 एकड़ तक के क्षेत्रफल में एमएसएमई पार्क विकसित किये जा सकेंगे। पार्क के कुल क्षेत्रफल का 50 फीसद एमएसएमई सेक्टर के लिए आरक्षित होगा। इस 50 फीसद क्षेत्र का 60 प्रतिशत यानी पार्क के कुल क्षेत्रफल का 30 प्रतिशत हिस्सा सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए आरक्षित होगा। पार्क में उद्योग की स्थापना के लिए जमीन खरीदने वाले पहले खरीदारों को स्टांप ड्यूटी में 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया गया। इसके अलावा भी कई अन्य रियायतें इस पार्क में फैक्ट्री लगाने वाले उद्यमियों को देना तय किया गया।
आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर के प्रशासनिक अफसरों तथा नोएडा एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के अधिकारियों ने अपने क्षेत्र में एमएसएमई पार्क की स्थापना को लेकर प्रयास शुरू किए। जिसके तहत ही नोएडा के सेक्टर 29 और सेक्टर 32 में एमएसएमई पार्क विकसित करने का फैसला किया गया। करीब 240 एकड़ भूमि में बनाए जा रहे इस एमएसएमई पार्क में 812 उद्यमियों में अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए यीडा से जमीन खरीदी है। इस भूमि पर 2345 करोड़ रुपए का निवेश कर उद्यमी अपनी फैक्ट्री उक्त पार्क में लगायेंगे, जिससे 42,800 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
यीडा के अधिकारियों के अनुसार पार्क में भूमि लेने वाले तमाम उद्यमियों ने अपनी फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। निर्माण कार्य शुरू करने वाली प्रमुख कंपनियों में स्वस्तिक इंडस्ट्री, यूनाइटेड लाजिस्टिक्स, सीरिया इम्पेक्स, डीआर ऑटो इंडस्ट्रीज, ग्राम्य एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड, एमवी एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, रेंनेक्स मेडिकल, श्री बाला जी पिंट्रिंग तथा गेपडेक इंफ्राटेक लिमिटेड अपनी फैक्ट्री का निर्माण कराना शुरू कर दिया है।
अधिकारियों के अनुसार पार्क में रेडीमेड गार्मेंट, आटो पार्ट्स, फूड प्रोसेसिंग, पिंट्रिंग से लेकर कई तरह की मैन्युफैक्च रिंग यूनिट लगेगी। इनमें होने वाले उत्पादन पर लगने वाले जीएसटी के जरिए सरकार को राजस्व मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि आगरा में चमड़ा उत्पाद बनाने वाली 10,000 माइक्रो, 150 छोटी, 30 मध्यम दर्जे और 15 बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। दो लाख लोगों को इनमें रोजगार मिला है और सालाना टर्नओवर 6000 करोड़ रुपये है।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि पार्क की स्थापना होने के इस कारोबार में और इजाफा होगा। इसके अलावा रोजगार के और साधान भी बढ़ेंगे।
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Source : IANS