केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स कम करने के साथ ही मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) को हटाने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि वो कंपनियां जो मुनाफा तो कमाती हैं लेकिन रियायतों की वजह से उनपर टैक्स की देनदारी कम हो जाती है. ऐसी कंपनियों पर मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (Minimum Alternate Tax) लगाया जाता है. बता दें कि वो कंपनियां जो कि मुनाफे पर 18.5 फीसदी से कम टैक्स देती हैं उन कंपनियों को 18.5 फीसदी तक मैट (MAT) देना पड़ता है. सरकार के MAT को पूरी तरह से हटाने की घोषणा के बाद कंपनियों को बहुत बड़ा फायदा होने जा रहा है.
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MAT की वजह से निवेश से कतराती हैं विदेशी कंपनियां
बता दें कि मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (Minimum Alternate Tax) की वजह से विदेशी कंपनियां भारत में बड़े स्तर पर निवेश करने से पीछे हटती हैं. इससे पहले टैक्स पर बनी टास्क फोर्स ने मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (MAT) को पूरी तरह हटाने की सिफारिश की थी. फिलहाल कंपनी के बुक प्रॉफिट पर 18.5 फीसदी MAT लगाया जाता है. बता दें कि आयकर के सेक्शन 115-JB के तहत कंपनियों पर MAT लगाया जाता है.
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जानकारों के मुताबिक मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (Minimum Alternate Tax) के अंतर्गत कंपनियों को न्यूनतम टैक्स देना पड़ता है, लेकिन अब इसके हटने के बाद नुकसान होने पर भी कंपनियों को टैक्स नहीं देना होगा. बता दें कि 1987 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने पहली बार मैट (MAT) का ऐलान किया था. सरकार का उद्देश्य सभी कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाने का था. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया है. कंपनियों के लिए नया कॉर्पोरेट टैक्स 25.17 फीसदी तय कर दिया गया है.