Advertisment

मोदी सरकार दे सकती है एक और राहत पैकेज, नीति आयोग ने दिए संकेत

नीति आयोग ने कहा है कि देश को उपभोक्ता और निवेश के मामले में अधिक अनिश्चितता के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Rajiv Kumar

रविवार को नीति आयोग ने दिए संकेत कि एर और राहत पैकज संभव.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर ने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अगर कोरोना महामारी से देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को खतरा पैदा हुआ, तो एक और आर्थिक राहत पैकेज (Package) भी दिया जा सकता है. इसके संकेत नीति आयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार (Rajeev Kumar) ने दिए हैं. नीति आयोग ने कहा है कि देश को उपभोक्ता और निवेश के मामले में अधिक अनिश्चितता के लिए तैयार रहने की जरूरत है. आयोग का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सरकार राजकोषीय उपायों के साथ हालात का सामान करेगी. गौरतलब है कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरकम राहत पैकेज का ऐलान किया था. 

कोरोना से मौजूदा स्थिति अधिक कठिन
राजीव कुमार ने इस बात को स्वीकार किया कि संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से मौजूदा स्थिति पूर्व की तुलना में अधिक कठिन हो गई है. हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद जताई कि 31 मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 11 फीसदी की दर से बढ़ेगी. देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साथ ही संक्रमण से मौतों का आंकड़ा भी ऊपर जा रहा है. इस वजह से कई राज्य सरकारों ने लोगों की आवाजाही पर अंकुश लगाया है. कुमार ने कहा कि भारत इस महामारी को हराने के करीब था, लेकिन ब्रिटेन और अन्य देशों से वायरस के नए प्रकार की वजह से स्थिति अब काफी मुश्किल हो गई है.

यह भी पढ़ेंः ऑक्सीजन की कमी ने थाम दी सांसें! शहडोल में करीब 16 मरीजों की मौत

जरूरत पर सरकार करेगी राजकोषीय उपाय
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने पीटीआई से कहा, 'इससे सेवा जैसे कुछ क्षेत्रों पर सीधा असर पड़ेगा. दूसरी लहर से आर्थिक वातावतरण को लेकर भी अनिश्चितता पैदा होगा, जिसका आर्थिक गतिविधियों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा. ऐसे में हमें उपभोक्ता और निवेशक धारणा दोनों के मोर्चों पर अधिक अनिश्चितता के लिए तैयार रहना चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कोई नया प्रोत्साहन पैकेज लाने पर विचार कर रही है, कुमार ने कहा कि इस सवाल का जवाब तभी दिया जा सकता है जबकि वित्त मंत्रालय कोविड की दूसरी लहर के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव का आकलन कर ले. कुमार ने कहा, 'आपने इस बारे में रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया देखी है. मुझे भरोसा है कि जरूरत होने पर सरकार भी राजकोषीय उपाय करेगी.'

यह भी पढ़ेंः कोरोना से दिल्ली में हाहाकार, CM केजरीवाल के चेहरे पर साफ दिखी टेंशन

वृद्धि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान
इससे पहले केंद्रीय बैंक ने इसी महीने मुख्य नीतिगत दर को चार प्रतिशत पर कायम रखा है. साथ ही रिजर्व बैंक ने अपने नरम रुख को भी जारी रखा है. केंद्र सरकार ने 2020 में महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज की घोषणा की थी. कुल मिलाकर यह पैकेज 27.1 लाख करोड़ रुपये का है जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13 प्रतिशत से अधिक है. चालू वित्त वर्ष में वृद्धि के बारे में कुमार ने कहा कि विभिन्न अनुमानों के अनुसार यह 11 प्रतिशत के आसपास रहेगी. रिजर्व बैंक ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. संसद में इसी साल पेश आर्थिक समीक्षा में वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, 2020-21 में अर्थव्यवस्था में आठ प्रतिशत की गिरावट आएगी.

HIGHLIGHTS

  • अर्थव्यवस्था को खतरा हुआ, तो एक और आर्थिक राहत पैकेज संभव
  • इसके संकेत नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिए हैं
  • अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज पहले ही
covid-19 corona-virus कोरोनावायरस कोविड-19 economy NITI Aayog rajeev kumar राजीव कुमार आर्थिक पैकेज नीति आयोग अर्थवयवस्था Package Economic Package
Advertisment
Advertisment
Advertisment