केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने को गोबर धन योजना का शुभारंभ किया. इसके तहत गोबर और ठोस अवशिष्ट को खाद और बायोईंधन में बदला जाएगा. जेटली ने कहा कि यह योजना सरकार की गांवों को खुले में शौच मुक्त करने और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाने के प्रयास का हिस्सा है.
बॉयो-गैस और बॉयो-CNG बनाने की तैयारी
मंत्री ने कहा, गैलवेनाइजिंग ऑर्गेनिक बॉयो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबर धन) के तहत "गोबर और खेतों के ठोस अवशिष्ट को खाद, बॉयो-गैस और बॉयो-CNG में बदला जाएगा."
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परियोजना को मंजूरी
इसके अलावा उन्होंने यह भी घोषणा की कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 187 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे अवसंरचना विकास, रिवर्स सरफेस क्लिनिंग, ग्रामीण स्वच्छता और अन्य कार्यक्रमों पर 16,713 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
47 परियोजनाएं पूरी
उन्होंने कहा कि इनमें से 47 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बाकी परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में है. उन्होंने कहा, "नदी किनारे के सभी 4,465 गंगा ग्रामों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है."
Source : IANS