भारतीय कृषि की जीवन रेखा माने जाने वाले मानसून के इस साल सामान्य रहने की उम्मीद है।
सोमवार को भारतीय मौसम विभाग की तरफ से जारी अनुमान में 2018 में 97 फीसदी बारिश होने की संभावना जताई गई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था और नीति-निर्माताओं और किसानों के लिए राहत की खबर मानी जा रही है।
विभाग ने कहा कि सामान्य तौर पर 97 फीसदी बारिश होगी और इसमें प्लस-माइनस 5 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है।
आईएमडी के महानिदेशक के जे रमेश ने कहा 'भारत में लगातार तीसरा सीजन मानसून सामान्य रहने जा रहा है।'
उन्होंने कहा, 'मानसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 फीसदी रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है। कम मानसून की 'बहुत कम संभावना' है।
96-104 फीसदी एलपीए को सामान्य मानसून माना जाता है, जबकि 104-110 फीसदी एलपीए को सामान्य से अधिक बारिश माना जाता है। वहीं एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे 'अत्यधिक' कहा जाता है।
वहीं सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना 56 फीसदी बताई गई है, जबकि सामान्य से कम बारिश होने की संभावना या कम बारिश होने की संभावना 44 फीसदी है।
सामान्य बारिश की वजह से न केवल कृषि विकास को मदद मिलती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर होता है।
मौसम विभाग की तरफ से जारी अनुमान में कहा गया है कि चार महीनों के दौरान मानसून में हर क्षेत्र में बराबर बारिश होने का अनुमान है।
गौरतलब है कि इससे पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने भी 2018 में मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई थी।
और पढ़ें: कठुआ रेप : केस ट्रांसफर पर SC ने महबूबा सरकार से मांगा जवाब
HIGHLIGHTS
- भारतीय कृषि की जीवन रेखा माने जाने वाले मानसून के इस साल सामान्य रहने की उम्मीद है
- मौसम विभाग की तरफ से जारी अनुमान में 2018 में 97 फीसदी बारिश होने की संभावना जताई गई है
Source : News Nation Bureau