Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के दौर में देश में थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index) निगेटिव में चली गई है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक मई में थोक महंगाई दर -3.21 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि मई 2019 में थोक महंगाई दर 2.79 फीसदी दर्ज की गई थी. मई में थोक महंगाई दर -1.43 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा था. प्राइमरी आर्टिकल्स की डब्ल्यूपीआई -0.79 फीसदी से घटकर -2.92 फीसदी रही है.
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खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई घटकर 2.31 फीसदी के स्तर पर आई
वहीं फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -10.12 फीसदी से घटकर -19.83 फीसदी हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई 3.60 फीसदी से घटकर 2.31 फीसदी के स्तर पर आ गई है. वहीं मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर -0.42 फीसदी दर्ज की गई है.
The annual rate of inflation, based on monthly WPI (Wholesale Price Index), stood at -3.21% (provisional) for May 2020 (over May 2019) as compared to 2.79% during the corresponding month of the previous year: Government of India pic.twitter.com/9DTd4g3wGj
— ANI (@ANI) June 15, 2020
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सरकार ने मई का अधूरा खुदरा मूल्य सूचकांक जारी किया, खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ कर 9.28 फीसदी पर
लॉकडाउन के कारण सरकार ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों का एक हिस्सा ही जारी किया, जिसके मुताबिक मई में खाद्य मुद्रास्फीति में 9.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक ‘‘ग्रामीण, शहरी और संयुक्त क्षेत्र के लिए मई 2020 में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) में पिछले साल की तुलना में मुद्रास्फीति दर क्रमशः 9.69 प्रतिशत, 8.36 प्रतिशत और 9.28 प्रतिशत रही. मई 2019 में खाद्य महंगाई 1.83 प्रतिशत थी. सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए.
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सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने इससे पहले अप्रैल में भी सीपीआई के आंशिक आंकड़े जारी किए थे। सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू किया था। लॉकडाउन ने देश की आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला. (इनपुट भाषा)