मूडीज इन्वसेस्टर्स सर्विस (Moody Investors Service) ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अनुमानों को घटा दिया दिया है. मूडीज ने कहा है कि मार्च 2019 को समाप्त वित्तीय वर्ष में इंडिया की जीडीपी 7.2% और अगले वर्ष 7.4% रह सकती है. हालांकि पहले मूडीज ने वित्तीय वर्ष 2018 और वित्तीय वर्ष 2019 में भारत की GDP की वृद्धि दर अनुमान 7.5 फीसदी रहने का व्यक्त किया था. इसके अलावा मूडीज ने अपनी सालाना बैंकिंग सिस्टम आउटलुक भी जारी किया है.
दूसरी तिमाही में घटी जीडीपी
इस साल की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की अवधि में जीडीपी में 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी. जीडीपी की यह उच्च वृद्धिदर दो साल में उच्चतम पर थी. हालांकि दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 7.1 फीसदी पर आ गई है. दूसरी तिमाही की जीडीपी की वृद्धिदर पिछली तीन तिमाहियों में सबसे कम थी.
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बैंकों पर भी जारी की रिपोर्ट
वहीं मूडीज ने बैंकों को लेकर कहा है कि फंसे कर्ज की समस्या का निपटान पूरा होने और कॉरपोरेट सेक्टर की हालत में सुधार होने से भारतीय बैंकों की एसेट क्वालिटी स्थिर तो होगी लेकिन कमजोर रहेगी. मूडीज के अनुसार बैंकों ने भारी मात्रा में फंसे कर्ज की पहचान की है और वे इसकी वसूली शुरू करेंगे, जिससे उनकी एसेट क्वालिटी बढे़गी. हालांकि, एसेट क्वालिटी में सुधार का स्तर इस बात पर निर्भर करेगा कि फंसे कर्ज के बड़े खातों का निपटान कितना सफल हो पाता है.' मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने यह अनुमान अपने वार्षिक बैंकिंग सिस्टम पर आउटलुक में यह जानकारी दी है.
Source : News Nation Bureau