Moody's Report 2022: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है. मंगलवार को पेश की गई रिपोर्ट में उन कारणों को लिस्ट किया गया है जिनकी वजह से भारत की अर्थव्यवस्था रिकवरी के लिए मुश्किल दौर से गुजर रही है. जाहिर है रूस- यूक्रेन महायुद्ध जैसे कारक विश्व भर के देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं.मूडीज़ के अनुसार साल 2022 - 2023 में महामारी से भारतीय अर्थव्यवस्था का उभर पाना मुश्किल बना हुआ है.
मूडीज़ की रिपोर्ट के अनुसार जहां भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने रूस- यूक्रेन महायुद्ध जैसी परिस्थितियां हैं. तो वहीं कड़े नियमों वाली मौद्रिक नीति पॉलिसी के कारण वित्तीय परिस्तिथियां भी कठिन बनी हुई हैं. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत का क्रेडिट प्रोफाइल इसके मजबूत फैक्टर्स को भी दर्शाता है. इनमें भारतीय व्यवस्था का बड़ा और विविध होना शामिल है. इसके अलावा उच्च विकास क्षमता, मजबूत बाहरी स्थिति और सरकारी ऋण के लिए एक स्थिर वित्तीय आधार अर्थव्यवस्था को मजबूत दिखाते हैं. हालांकि भारत के सामने प्रमुख ऋण चुनौतियों भी मौजूद हैं. इन चुनौतियों में निम्न प्रति व्यक्ति आय , उच्च सामान्य सरकारी ऋण, सीमित सरकारी प्रभावशीलता को शामिल किया गया है.
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भारत की आर्थिक नीति से मजबूत हुई बाहरी स्थिति
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने रिपोर्ट में भारत की बाहरी स्थिति को मजबूत बताया है. इसके लिए मूडीज ने आर्थिक नीति को कारक बताया है. रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक नीति के कारण ही चालू खाता घाटा कम हुआ है और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई है. बता दें मूडीज ने साल 2022 के लिए इस महीने के शुरूआत में ही भारत के आर्थिक विकास की दर के अनुमान को 8.8 प्रतिशत से घटा कर 7.7 प्रतिशत किया था. अनुमान दर घटाने का कारण मूडीज़ ने धीमी वैश्विक वृद्धि दर बताया था.