वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टैनली ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था आने वाले 10 साल में 6 खरब डॉलर यानी करीब 393 खरब होने की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक यह अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
इससे अर्थव्यवस्था में दोगुना से ज्यादा उछाल आ जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक इसके पीछे डिजिटलीकरण का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का डिजिटलीकरण अभियान आने वाले दशक में जीडीपी की वृद्धि दर को 0.50-0.75 प्रतिशत (50-75 आधार अंक) बढ़ाएगा।
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मॉर्गन स्टैनली के अनुसंधान (भारत) के प्रमुख रिद्धम देसाई ने पत्रकारों से कहा, 'हमें उम्मीद है कि डिजिटलीकरण जीडीपी की वृद्धि दर को 0.5-0.75 प्रतिशत बढ़ाएगा। हमारा पूर्वानुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी।'
उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में भारत की वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी की सालाना वृद्धि दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 11.2 प्रतिशत हो जाएगी।
बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल लीप-द ट्रिलियन डॉलर ऑपरट्यूनिटी का हवाला देते हुए देसाई ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन समेत अन्य छोटी समस्याओं के अलावा, 2018 में आर्थिक गतिविधियों में बदलाव की संभावना है।
यह भारत को 6.1 खरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ दुनिया के पांच शीर्ष इक्विटी बाजार में शामिल करने की दिशा में अग्रसर करेगा। इसी के साथ 2027 तक भारत 1.8 खरब डॉलर की बाजार पूंजी के साथ सूचीबद्ध वित्तीय सेवा क्षेत्र में दुनिया का तीसरी सबसे बड़ा देश होगा। अगले 10 सालों में भारत का उपभोक्ता क्षेत्र भी बढ़कर करीब 1.5 खरब डॉलर पहुंच सकता है।
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Source : News Nation Bureau