केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार सरकारी कंपनियों यानि PSU के विलय की तैयारी कर रही है. बता दें कि सरकार ने अभी कुछ समय पहले ही कुछ सरकारी बैंकों (Government Banks) का विलय किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने विलय (Merger) की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने वित्त मंत्रालय समेत अन्य मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि अब एक PSU के द्वारा दूसरे PSU के खरीद पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
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सरकारी कंपनियों के विलय करने के लिए हो सकता है कमेटी का गठन
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि जिन कंपनियों की हालत ज्यादा खस्ता है, उसकी बिक्री की प्रक्रिया शुरू किया जाए. इसके अलावा किन PSU का विलय किया जा सकता है इसकी भी संभावनाएं तलाशने को कहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी कंपनियों के विलय को लेकर जल्द ही संबंधित मंत्रालयों की बैठक हो सकती है. इस बैठक में सरकारी कंपनियों के विलय करने के लिए कमेटी का गठन भी किया जा सकता है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार की मंशा सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से कम करने की है. हालांकि सरकार अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से तो कम रखना चाहती है लेकिन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और अन्य सरकारी संस्थाओं की हिस्सेदारी को मिलाकर कंपनियों का प्रबंधन अपने पास ही रखना चाहती है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार एक विशेष सेक्टर के लिए एक ही सरकारी कंपनी रखना चाहती है. मतलब, ऑयल सेक्टर, कोयला, स्टील सेक्टर के लिए सिर्फ एक ही बड़ी सरकारी कंपनी रखने पर विचार हो रहा है. सरकारी छोटी कंपनियों का विलय बड़ी कंपनियों में कर सकती है. मौजूदा विकल्पों पर विचार के बाद ही विलय की प्रक्रिया का ड्रॉफ्ट तैयार किया जाएगा.