Consumer Protection Act 2019: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार उपभोक्ताओं के हितों के लिए नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 आज यानि 20 जुलाई से देशभर में लागू करने जा रही है. नए उपभोक्ता संरक्षण कानून से उपभोक्ताओं को पहले के मुकाबले और अधिकार मिल जाएंगे. नया उपभोक्ता संरक्षण कानून 34 साल बाद लाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नया कानून कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 का स्थान लेगा. नए कानून के तहत उपभोक्ताओं को पहली बार नए अधिकार मिल सकेंगे. उपभोक्ता अब किसी भी उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज करा सकता है.
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भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान
गौरतलब है कि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था. नए कानून से किसी उत्पाद के संबंध में भ्रामक विज्ञापन देना महंगा पड़ जाएगा क्योंकि नए कानून में भ्रामक विज्ञापन देने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 की अधिसूचना जारी कर दी है.
आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं रामविलास पासवान
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने कहा है कि नये उपभोक्ता संरक्षण कानून (Consumer Protection Act 2019) में मिलावटी व खतरनाक उत्पाद बनाने और बेचने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है और इस कानून से उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षा व अधिकार मिलेगा. राम विलास पासवान आज इस कानून के बारे में जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.
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15 जुलाई को खाद्य मंत्रालय ने जारी की थी अधिसूचना
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 15 जुलाई को जारी अधिसूचना के अनुसार, यह कानून 20 जुलाई से देशभर में लागू हो जाएगा. मालूम हो कि नया उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 इस साल जनवरी में ही लागू होना था लेकिन किसी कारणवश इसकी तिथि मार्च के लिए बढ़ा दी गई थी. हालांकि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसकी तिथि आगे टल गई, लेकिन अब इसकी अधिसूचना जारी हो गई है और 20 जुलाई से देशभर में नया उपभोक्ता संरक्षण कानून लागू हो जाएगा. नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में विवादों के त्वरित निपटारा करने के मकसद से मध्यस्थता के लिए एक वैकल्पिक विवाद निपटारे की व्यवस्था की गई है. नए कानून में उपभोक्ता अदालतों अलावा एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का प्रावधान है.
मशहूर हस्तियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
नये उपभोक्ता संरक्षण कानून में प्रावधान है कि अगर उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए भ्रामक विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं तो कंपनी के अलावा प्रचार करने वाले सेलेब्रिटीज पर भी कार्रवाई होगी. मशहूर क्रिकेटर, फिल्मी हस्तियां या कोई अन्य हस्तियों को अब किसी उत्पादन का विज्ञापन करते समय पहले से ज्यादा सावधान रहना होगा.
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1986 में बना था पहला उपभोक्ता कानून
बता दें कि देशभर की उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित उपभोक्ता शिकायतों के निराकरण के लिए उपभोक्ता कानून को बनाया गया है. 24 दिसंबर 1986 को पहला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 देशवासियों के लिए पारित किया गया था. वर्ष 1993, 2002 और 2019 में इस कानून में संशोधन भी किए गए हैं और इसे उपभोक्ताओं की हितों की रक्षा के लिए ज्यादा प्रभावी बनाया गया है.