इंफोसिस के नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और ग़ैर स्वतंत्र निदेशक नंदन नीलेकणी अपने नए कार्यकाल के लिए कंपनी से सैलेरी नहीं लेंगे। सह संस्थापक और
पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंदन नीलेकणी का इस कंपनी में 0.93 प्रतिशत शेयर धारक हैं।
कंपनी ने BSE (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) को जानकारी देते हुए बताया, 'आख़िरी बार 2010 में उन्होंने 34 लाख़ रुपये मेहनताना के तौर पर लिया था।'
बता दें कि नंदन नीलेकणी को 24 अगस्त को विशाल सिक्का के अचानक इस्तीफ़ा देने के बाद इंफ़ोसिस के नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किए गया है।
इंफ़ोसिस ने साफ़ कर दिया है, 'यूबी प्रवीण राव मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर अपना काम करते रहेंगे। इसके लिए उन्हें 31 मार्च 2017 को शेयर होल्डर्स द्वारा तय किए गया पारिश्रमिक (वेतन) ही दिया जाएगा।'
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कंपनी ने आगे बताया, 'यूबी प्रवीण राव को अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मैनेजिंग डायरेक्टर पद के लिए अलग से कोई पारिश्रमिक नहीं देया जाएगा।'
वहीं नंदन नीलेकणी ने कहा कंपनी की प्राथमिकता सीईओ (चीफ़ एग्ज़िक्युटिव ऑफ़िसर) की नियुक्ति कर बोर्ड को पुनर्गठित करना और भविष्य को लेकर प्लान तैयार करना था। उन्होंने कहा, 'मैं यहां कंपनी को आगे बढ़ाने और वर्तमान चुनौतियों से उबारने के लिए आया हूं।'
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Source : News Nation Bureau