सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफओ जमा पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. यह 8.15 प्रतिशत की दर से मंजूरी मिली है. रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने 28 मार्च, 2023 को अपने छह करोड़ से अधिक सब्सक्राइब्र्स के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ डिपॉजिट पर ब्याज दर को मामूली बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया था. अब एक अधिकारिक आदेश सोमवार को जारी हुआ. इसके अनुसार, ईपीएफओ ने 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 फीसदी की दर से ब्याज सदस्यों के अकाउंट में रखने के लिए कहा है. इस तरह का आदेश इस साल वित्त मंत्रालय की सहमति के बाद ईपीएफओ ट्रस्टीज द्वारा अनुमोदित बताया गया है.
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अब ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय इंटरनेट के जरिए उपभोक्ता के अकाउंट में पैसे डालने की प्रकिया आरंभ हो गई है. मार्च 2022 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा करने पर ब्याज दर को 2020-21 के 8.5 प्रतिशत से घटाकर चार दशक तक के स्तर पर 8.10 प्रतिशत कर दिया था. यह 1977-78 के बाद से निचले पायदान पर था. तब ईपीएफ ब्याज दर 8 प्रतिशत मात्र थी. आपको बता दें कि इंप्लॉय प्रोविडेंट फंड सैलरीड कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य योगदान बताया गया है.
कर्मचारी अपनी कमाई का 12 फीसदी अपने ईपीएफ अकाउंट में देता है योगदान
इंप्लॉयर भी ईपीएफ अकाउंट में समान रूप से योगदान करते हैं. हर माह के हिसाब से एक कर्मचारी अपनी कमाई का 12 फीसदी अपने ईपीएफ अकाउंट में योगदान करता है. कर्मचारी की पूरी कंट्रीब्यूशन ईपीएफ अकाउंट में डाल दी जाती है. नौकरी के मामले में ईपीएफ अकाउंट में केवल 3.67 फीसदी ही जमा होता है. बैलेंस 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के लिए जमा होता है.
Source : News Nation Bureau