भारतीय कारोबारियों का दिन इन दिनों ठीक नहीं चल रहे हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने जहां गौतम अडानी की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाई है. वहीं, अब एक और भारतीय उद्योगपति का साम्राज्य कम होता जा रहा है. वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के मालिक अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के शेयर लगातर नीचे गिरते जा रहे हैं. वेदांता के शेयरों (Vedanta share price ) में लगातार आठ दिन से गिरावट दर्ज की जा रही है. इसकी मुख्य वजह वेदांता ग्रुप पर भारी भरकम कर्ज है. वैश्विक मंदी की आशंका के चलते ग्लोबल मार्केट की स्थिति डमाडोल हो रही है. वहीं, कई बैंकों ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दिया है. इससे वेदांता ग्रुप को ना तो कर्ज मिल रहे हैं और ना ही बड़े निवेशक मिल रहे हैं. हाल ही में वेदांता ग्रुप अपनी साख को बनाए रखने के लिए कंपनी की एक हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की थी, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाया. कंपनी के मालिक अनिल अग्रवाल ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से टाईअप किया था, लेकिन सरकार ने इसे हरी झंडी नहीं दी, जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा.
मूडीज ने कंपनी की रेटिंग डाउन की
वेदांता ग्रुप की स्थिति 2022 के अक्टूबर से बिगड़ती जा रही है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वेदांता ग्रुप के वेदांता रिसोर्सेज की रेटिंग पूअर दी थी. जिसके बाद से कंपनी की कर्ज चुकाने की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे. एजेंसी ने बताया था कि कंपनी को अप्रैल-मई 2022 में 90 करोड़ डॉलर का भुगतान करनी थी, लेकिन कंपनी फंड जुटाने में विफल रही. मूडीज ने कंपनी को मार्च 2024 तक 3.8 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने को कहा है.
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मूडीज की रेटिंग को कंपनी ने बताया बेदम
मूडीज की रेटिंग को कंपनी ने बकवास बताया. वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) का कहना है कि मूडीज की रिपोर्ट में दम नहीं है. उसने इस साल की पहली छमाही में एक अरब डॉलर जुटाए हैं, जबकि वेदांता लिमिटेड ने 1.5 अरब डॉलर जुटाने में सफल रहा है. ग्रुप का कहना कि वह कर्ज का समय-समय पर चुकता कर रहा है और इस साल वह सभी पुराना कर्ज का भुगतान कर देगा. फिलहाल कंपनी ने 11 महीने में 2 अरब डॉलर का कर्ज भुगतान कर दी है.
कंपनी के सामने ये है बड़ी चुनौती
ग्लोबल मार्केट की स्थिति को देखते हुए कंपनी के सामने इतनी मोटी रकम को चुकाना किसी चुनौती से कम नहीं है.कंपनी को कर्ज चुकाने के लिए कोई इनवेस्टर्स भी आगे नहीं आ रहे हैं. कंपनी अपनी एक हिस्सेदारी बेचकर कर्ज चुकाना चाह रही थी. सरकार ने उसपर भी पानी फेर दिया. ऐसे में कंपनी के सामने कर्ज चुकाने का संकट बड़ा हो गया है. हालांकि, कंपनी का दावा है कि वह 2023 तक अपना सभी कर्ज चुका देगी.
HIGHLIGHTS
- वेदांता ग्रुप पर मंडरा रहा खतरा
- वेदांता ग्रुप पर भारी भरकम कर्ज
- वेदांता के शेयरों में लगातार गिरावट