पिछले दो साल के दौरान देशभर में एटीएम (आटोमेटेड टेलर मशीन) की संख्या में 597 की कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 के आखिर में देशभर में एटीएम की कुल संख्या 2,22,300 थी, जो 31 मार्च, 2019 को घटकर 2,21,703 रह गई. आरबीआई की रिपोर्ट 'बेंचमार्किंग इंडियाज पेमेंट सिस्टम्स' में यह भी बताया गया है कि सर्कुलेशन में नकदी की मात्रा के मुकाबले एटीएम से नकदी की निकासी का अनुपात भी भारत में सबसे कम है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह नकदी के पुनर्चक्रण में कम क्षमता का सूचक है. पुनर्चक्रण से अभिप्राय बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से नकदी की निकासी, भुगतान और जमा के चक्र है. हालांकि एटीएम लगाने के मामले में भारत सिर्फ चीन के बाद आता है, जहां 2012 और 2017 के बीच की अवधि के दौरान एटीएम स्थापित करने में सालाना 14 फीसदी की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि भारत में एटीएम स्थापित करने के मामले में प्रगति हुई, लेकिन देश की आबादी के मुकाबले इसकी स्थापना की दर अपेक्षाकृत कम है. रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क्ड ग्रुप में सभी देशों में बेहतर स्थापना दर है. हालांकि इस बीच सकारात्मक तथ्य यह है कि 2012 में जहां एक एटीएम पर 10,832 लोग निर्भर थे, वहीं 2017 में एक एटीएम पर 5,919 लोग निर्भर रहने लगे हैं.
HIGHLIGHTS
- मार्च तक 2,21,703 एटीएम ही बचे.
- हालांकि एटीएम लगाने की दर 14 फीसदी सालाना बढ़ी.
- अब 5,919 लोग एक एटीएम पर निर्भर हैं.
Source : IANS