सरकार (government) ने बैंकों (Bank) को मजबूत बनाने की दिशा मे तेजी से काम शुरू कर दिया है. सोमवार को तीन सरकारी बैंकों बैंक अॉफ बड़ौदा (Bank of Baroda), देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) के विलय का रास्ता साफ कर दिया. इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके सहयोगी बैंक (associate banks) और महिला बैंक का विलय कर दिया था. अब उम्मीद है कि बचे हुए सरकारी बैंकों के बीच भी तेजी से विलय की कार्रवाई होगी. इसके बाद देश में 5 से 6 बड़े सरकारी बैंक तैयार हो जाएंगे जो ग्लोबल चुनौतियों के अलावा NPA का आसानी से सामना कर पाएंगे. SBI विलय के बाद दुनिया के 50 बड़े बैंकों में शामिल हो चुका है.
तीन बैंकों विलय का रास्ता साफ
भारत सरकार (government of indian) ने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला ले लिया है. फाइनेंसियल सर्विसेज सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा, 'हमने देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मर्ज करने का फैसला किया है. तीनों बैंकों के विलय से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
बजट में किए वादे को पूरा कर रहे
इस विलय के फैसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली (Finance Minister Arun Jaitley) ने कहा है कि सरकार ने बजट (budget) में घोषणा की थी कि बैंकों का एकीकरण हमारे एजेंडे में भी है और पहला कदम घोषित किया गया है. तीनों बैंको के मर्जर पर जेटली ने कहा, 'कोई भी कर्मचारी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करेगा जो प्रकृति में प्रतिकूल हो. सेवा की सबसे अच्छी स्थिति उन सभी पर लागू होगी.
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यह बैंक होंगे महत्वपूर्ण
जानकारों के अनुसार पंजाब नैशनल बैंक, कैनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में बाकी बैंकों का विलय हो सकता है. इस प्रकार जल्द ही देश में 5 बड़े बैंक सामने आ जाएंगे. यह बैंक जहां ग्लोबल चुनौतियों का अच्छी तरह सामना कर सकेंगे, वहीं NPA का सामना भी अच्छी तरह कर पाएंगे. बैंकिंग क्षेत्र में NPA पर वित्त मंत्री का कहना है कि इसकी वास्तविक तस्वीर 2015 में ही सामने आई. यूपीए ने कार्पेट के नीचे एनपीए को छिपा दिया था.' जेटली के अनुसार इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
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SBI हो गया है दुनिया के 50 बड़े बैंक में शामिल
पिछले डेढ़ साल में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है. पिछली बार सरकार ने पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में एक अप्रैल, 2017 को विलय किया था. इसके बाद देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया है.
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मजबूत बैंकाें के फायदे
बड़े बैंक हर तरह की दिक्कतों का सामना आसानी से कर लेते हैं. वर्ष 2008 में आई आर्थिक मंदी के दौरान दुनिया के कई देशों में हजारों छोटे बैंक बंद हो गए थे. इनके पास जितनी पूंजी थी वह इस मंदी के दौरान खत्म हो गई. इसके बाद इन बैंकों के पास बंद होने के सिवा कोई रास्ता नहीं था. इसके चलते कई देशों की अर्थव्यवस्था संकट में आ गई थी. तभी से सरकारी स्तर पर बैंकों के एकीकरण की बात सामने आनी लगी थी. लेकिन माेदी सरकार ने इस पर तेज काम किया. पहले SBI के सहयोगी बैंकों का विलय हुआ और अब तीन सरकारी बैंको का विलय. इस विलय से बनने वाला बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. यह बैंक बड़े बड़े लोन को खुद देने का फैसला कर सकेंगे. अभी बड़ा लोन देने के लिए इन बैंकों को कंसोर्टियम बनाना पड़ता है. जिसमें कई तरह की दिक्कतें आती हैं और लोन वसूलने में बाधा आती है. देश में NPA बढ़ने का यह भी एक बड़ा कारण रहा है. काफी समय तक यही तय नहीं हो पाता है कि लोन NPA होने पर कौन वसूलने के लिए कार्रवाई शुरू करे. अब बड़े बैंक बनने से यह समस्या दूर होंगी और NPA की समस्या से निपटना आसान होगा.
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1. आंध्रा बैंक
2. इलाहाबाद बैंक
3. बैंक ऑफ बड़ौदा
4. बैंक ऑफ इंडिया
5. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
6. कैनरा बैंक
7. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
8. कॉर्पोरेशन बैंक
9. देना बैंक
10. इंडियन बैंक
11. इंडियन ओवरसीज बैंक
12. ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
13. पंजाब एण्ड सिंध बैंक
14. पंजाब नैशनल बैंक
15. सिंडीकेट बैंक
16. यूको बैंक
17. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
18. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
19. विजया बैंक
Source : News Nation Bureau