राहुल गांधी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ऊपर लगातार हमलावर हैं. वहीं कांग्रेस के दूसरे नेता भी अब मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के राज्यों को GST भुगतान के लिए दिए जाने वाले 'आश्वासन पत्र' (लेटर ऑफ कंफर्ट) पर निशाना साधते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है ये सभी आश्वासन के ही शब्द हैं और इसका कोई मतलब नहीं है. जरूरत है हार्ड कैश की. चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कई तरीके हैं जिसका उपयोग कर वो राज्यों को जीएसटी का भुगतान कर सकती है.
यह भी पढ़ें: EPF अकाउंट होल्डर की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर परिवार को मिलेंगे 7 लाख रुपये
कांग्रेस के कई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिख चुके हैं चिट्ठी
उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें कर्ज लेती हैं तो इसका सीधा असर उनके कैपिटल एक्सपेंडीचर पर पड़ेगा. इस लेटर ऑफ कंफर्ट यानी आश्वासन पत्र की पेशकश को पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य ठुकरा चुके हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांग की है कि केंद्र सरकार 2,828 करोड़ रूपए तुरंत उपलब्ध कराए जो कि 2020-21 की बकाया राशि है. उधर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनिस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि राज्यों को जीएसटी से हुए नुकसान की पूरी भरपाई हो. उन्होंने कहा कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि राज्यों से ये कहना कि वो खुद ही कर्ज ले, इससे राज्यों के संसाधनों पर असर पड़ेगा.
यह भी पढ़ें: इस राज्य ने किसानों को फसल बीमा का फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में किया ये बड़ा बदलाव
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार यानि 9 सितंबर को एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ऊपर कोरोना वायरस लॉकडाउन को लेकर तीखा हमला बोला था. वीडियो में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार के द्वारा अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ है. उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने 21 दिन में कोरोना वायरस को खत्म करने का वादा किया था लेकिन करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग खत्म कर दिए गए. (इनपुट आईएएनएस)