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पैकेट बंद दूध आपके बच्‍चे के लिए है घातक, जानें क्‍या हैं खतरे

चिकित्सकों का कहना है कि इस पैकेट में बंद दूध से नवजातों या बच्चों में बड़ी आसानी से 'डेवलपमेंट डिसऑर्डर' भी हो सकता है.

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vinay mishra
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पैकेट बंद दूध आपके बच्‍चे के लिए है घातक, जानें क्‍या हैं खतरे

Packaged milk is deadly for your baby

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अभिनेता इमरान हाशमी की आगामी फिल्म 'टाइगरस' देश और दुनिया में नवजातों या कम उम्र के बच्चों को पिलाए जाने वाले पैकेटों में बंद दूध से होने वाली मौतों पर से पर्दा उठाती है, जिसने हमारे बाजारों में नवजातों या कम उम्र के बच्चों के लिए पौष्टिकता का दावा करने वाली कंपनियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. चिकित्सकों का कहना है कि इस पैकेट में बंद दूध से नवजातों या बच्चों में बड़ी आसानी से 'डेवलपमेंट डिसऑर्डर' भी हो सकता है.

गैस्ट्रोएंड्रोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ. लवकेश आनंद ने इस गंभीर मुद्दे पर बताया, "नवजात या कम उम्र के बच्चों के लिए मिलावटी या पैकेट में बंद दूध बहुत नुकसानदायक है क्योंकि उनका शरीर प्रीमैच्योर होता है और किसी भी तरह की मिलावट का उनके हर अंग पर बुरा प्रभाव पड़ता है, खासतौर पर किडनी, लीवर और ब्रेन पर. उन्हें आसानी से डेवेलपमेंट डिसऑर्डर भी हो सकता है."

भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत में बिकने वाला करीब 10 प्रतिशत दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस 10 प्रतिशत में 40 प्रतिशत मात्रा पैकेज्ड मिल्क की है जो हमारे हर दिन के भोजन में इस्तेमाल में आता है.

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यह 10 प्रतिशत कॉन्टैमिनेटेड मिल्क यानी दूषित दूध वह है, जिसकी मात्रा में वृद्धि दिखाने के लिए इसमें यूरिया, वेजिटेबल ऑयल, ग्लूकोज या अमोनियम सल्फेट आदि मिला दिया जाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हैं.

भारत में बिकने वाले करीब 10 प्रतिशत मिलवाटी दूध में किन-किन चीजों को मिलाया जाता है?, जिसपर डॉ. लवकेश आनंद ने कहा, "मिलावटी दूध में यूरिया, वेजिटेबल ऑयल, ग्लूकोज से लेकर अमोनियम सल्फेट, एंटीबायोटिक्स, कीटनाशक, एफ्लाटॉक्सिन एम 1 तक पाया जाता है."

वहीं मिलावटी दूध से व्यस्कों और बच्चों को होने वाली परेशानियों पर डॉक्टर जी.एस. लांबा ने कहा, " मिलावटी या कॉन्टैमिनेटेड दूध से होने वाला नुकसान इस बात पर निर्भर करता है कि कॉन्टैमिनेशन कैसा है. अगर दूध में बैक्टीरियल कॉन्टैमिनेशन है तो आपको फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, डायरिया, इंटेस्टाइन इंफेक्शन, टाइफाइड, उल्टी, लूज मोशन जैसे इंफेक्शन होने का डर होता है."

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दूध में मिलाई गई चीजें किस प्रकार से शरीर के लिए घातक है, क्या इससे किसी की मौत संभव है? जिसपर डॉ. लवकेश आनंद ने कहा, "व्यस्क के शरीर में मिलावटी दूध का सबसे अधिक असर किडनी पर पड़ता है. हालांकि इसका प्रभाव दिमाग पर भी हो सकता है. अगर इसका लम्बे समय तक यानी कुछ सालों तक सेवन किया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए 'स्लो डेथ' जैसा हो सकता है क्योंकि इसका धीरे-धीरे कर ही सही पर लगातार असर लीवर और किडनी पर होता रहता है, हालांकि इस नुकसान का पता तुरंत नहीं चलता."

डॉक्टर अंजलि जैन ने इस बारे में कहा, "इस तरह के कॉन्टैमिनेटेड दूध में कुछ ऐसी केमिकल की मिलावट भी होती है जिनसे कार्सियोजेनिक समस्याएं भी हो सकती हैं. अगर आप करीब 10 साल तक इस मिल्क प्रोडक्ट को ले रहे हैं तो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना हो सकती है."

कौन सा दूध सही है या मिलावटी आम आदमी इसकी जांच कैसे करे?, जिसपर डॉ. लवकेश आनंद ने बताया कि आम आदमी द्वारा इसकी जांच करना संभव नहीं है, वह ट्रेड मार्क देखकर ही यह मान सकता है कि इसमें किसी तरह की कोई मिलावट की गई है या नहीं.

Source : News Nation Bureau

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