देश की प्रसिद्ध बिस्किट कंपनी पारले मंदी की मार से उभर आई है. खबरो की माने तो पारले ग्रुप का मुनाफा बीते वित्त वर्ष में 15.2 फीसदी बढ़ा है. कारोबारी मंच टॉफलर के मुताबिक, पारले बिस्किट को वित्त वर्ष 2019 में 410 करोड़ का नेट फायदा हुआ है जो कि पिछले साल 355 करोड़ रुपये का था. कुल रेवेन्यु 6.4 प्रतिशत बढ़कर 9,030 करोड़ रुपये हो गया है जो उससे पिछले वर्ष लगभग 6% बढ़कर 8,780 करोड़ रुपये हो गया था.
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बता दें कि अभी कुछ महीने पहले पारले कंपनी से करीब 10 हजार लोगों की छंटनी की खबर सामने आई थी. कंपनी ने 100 रुपये प्रति किलो या उससे कम भाव वाले बिस्किट पर GST को कम करने की मांग की है. कंपनी का कहना है कि ये बिस्किट 5 रुपये से उससे भी कम दाम पर बेचे जाते हैं. कंपनी का कहना है कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो कंपनी अपनी फैक्टरियों में काम करने वाले 8 हजार से 10 हजार लोगों की छंटनी कर सकती है.
कंपनी ने कहा था कि बिक्री में आई भारी गिरावट से काफी नुकसान हो रहा है. कंपनी के पारले-जी, मोनैको और मैरी बिस्किट काफी पसंद किए जाते हैं. कंपनी औसतन बिक्री 10 हजार करोड़ रुपये की है. बता दें कि मौजूदा समय में कंपनी की 10 फैक्टरियों में कामकाज हो रहा है और यहां करीब 1 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं कंपनी के पास 125 थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी परिचालन में हैं. बता दें कि कंपनी की बिक्री में आधा से ज्यादा ग्रामीण इलाकों से आता है.
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फिलहाल सभी बिस्किट पर 18 फीसदी GST
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक GST से पहले 100 रुपये किलो वाले बिस्किट के ऊपर 12 फीसदी टैक्स लगता था. कंपनियों ने उम्मीद जताई थी कि प्रीमियम बिस्किट के ऊपर 12 फीसदी और सस्ते बिस्किट के ऊपर 5 फीसदी GST सरकार तय करेगी. वहीं सरकार ने GST लागू होने के साथ ही सभी बिस्किट पर 18 फीसदी GST लागू कर दिया. सरकार के इस फैसले के बाद कंपनियों को बिस्किट के दाम बढ़ाने पड़ गए. वहीं दूसरी ओर बिस्किट और डेयरी प्रॉडक्ट्स कंपनी ब्रिटानिया का जून तिमाही में शुद्ध लाभ 3.5 फीसदी घटकर 249 करोड़ रुपये हो गया है. ब्रिटानिया ने भी मांग में कमी और ज्यादा GST की वजह से छंटनी की बात कही है.