फाइनैंशियल ईयर 2016-17 में देश का प्रति व्यक्ति आय एक लाख रूपये से अधिक होने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में देश की प्रति व्यक्ति औसत आय 93,293 रुपये थी।
सीएसओ (केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ) की तरफ से जारी अनुमान के मुताबिक मार्केट प्राइस पर प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय वित्त वर्ष 2016-17 में 1,03,007 रुपये रहने का अनुमान है।
सीएसओ ने कहा कि जीडीपी आंकड़ों के अनुमान में नोटबंदी के असर को शामिल नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था। पीएम के नोटबंदी के बाद देश के करेंसी बाजार से 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी के फैसले के बाद देश की जीडीपी में 2 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। नोटबंदी के बाद ते इई रेटिंग एजेंसियां भारत के जीडीपी अनुमान में कटौती कर चुकी है।
वित्त वर्ष 2015-16 के 93,293 रुपये के मुकाबले 10.4 फीसदी अधिक है। आंकड़ों के अनुसार वास्तविक आधार पर (2011-12 के मूल्य) प्रति व्यक्ति आय 2016-17 में 81,805 रुपये रहने का अनुमान है जो 2015-16 में 77,435 रुपये थी।
विश्व बैंक के अनुसार मौजूदा मूल्यों पर भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,582 डॉलर है। विश्व बैंक के मानकों के लिहाज से भारत गरीब देशों की श्रेणी में आता है। मध्य आय वाले देशों की प्रति व्यक्ति जीडीपी 6,000-7,000 डॉलर सालाना है।
इसके साथ ही सीएसओ ने 2016-17 के लिए देश का जीडीपी 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 7.6 फीसदी रही थी।
HIGHLIGHTS
- वित्त वर्ष 2016-17 में देश का प्रति व्यक्ति आय एक लाख रूपये से अधिक होने की उम्मीद है
- पिछले वित्त वर्ष में देश की प्रति व्यक्ति औसत आय 93,293 रुपये थी
Source : News Nation Bureau