देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि अगर पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाया जाता है तो इनके दाम कम हो सकते हैं।
गुरुवार को रायपुर में प्रधान ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जुड़े हैं और वैश्विक कीमतों के हिसाब से वे ऊपर नीचे होते हैं।
पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स और सेस लगाने पर पल्ला झाड़ते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब भी कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो भारतीय बाजार में भी तेल की कीमतों में इजाफा होता है।
प्रधान ने कहा, 'हमारा मंत्रालय चाहता है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के अंदर लाया जाय और इसके लिए हमने जीएसटी परिषद को कई बार सुझाव भी भेजा है।'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी इसको लेकर धीरे-धीरे तैयारियां कर रही हैं।
बता दें कि हाल ही में दिल्ली के अंदर डीजल के दाम (64.58 रुपये प्रति लीटर) अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था और पेट्रोल के दाम (73.73 रुपये प्रति लीटर) मोदी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
उल्लेखनीय है कि अगर अभी सरकार पेट्रोल की कीमत को जीएसटी के सबसे ऊंचे दर वाले स्लैब में भी रखती है तो कीमत करीब 50 रुपये लीटर हो जाएगी।
यह जानना जरूरी है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक्साइज ड्यूटी और वैट के कारण इतना बढ़ी हुई रहती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बढ़ रहे दामों से बचाने के लिए इसी साल पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने को कहा था लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी के बजट में इस नकार दिया था।
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HIGHLIGHTS
- प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम को जीएसटी के अंदर लाने के लिए कई पत्र लिख चुके हैं
- पेट्रोल को जीएसटी के सबसे ऊंचे दर वाले स्लैब में भी रखा जाय, तो कीमत करीब 50 रुपये लीटर हो जाएगी
- पेट्रोल की कीमत मोदी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया
Source : News Nation Bureau