प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव करने जा रही है. नई घोषणा के मुताबिक अब केवल 1 फीसदी वस्तु ही 28 फीसदी वाले स्लैब में होगा. मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'उनकी सरकार जीएसटी में शामिल 99 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी और उसके नीचे की स्लैब में लाना चाहती है.' मोदी ने कहा, 'केवल आधा से एक फीसदी लग्ज़री सामान जैसे कि विमान, सिगरेट, शराब और एसयूवी पर 28 फीसदी की दर से कर लगेगा, जबकि आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य वस्तुओं और सेवाओं पर 18 फीसदी या उससे कम दर से कर लगेगा.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'एक प्रणाली के तौर पर जीएसटी में स्थिरता आ चुकी है और इसी का नतीजा है कि हम 99 फीसदी चीजों को 18 फीसदी तक के कर दायरे में लाने की स्थिति में पहुंचे हैं.' उन्होंने कहा कि पंजीकृत उद्यमों की संख्या जीएसटी से पहले के 66 लाख से बढ़कर आज 1.2 करोड़ हो गई है, जो दर में कटौती को तार्किक ठहराता है.
पीएम मोदी के इस घोषणा से स्पष्ट है कि 28 फीसदी के दायरे में केवल 13 वस्तुएं ही शामिल होंगी, जिनमें लग्ज़री या अहितकर उत्पाद होंगे. यानी कि उच्च कर श्रेणी का आकार और कम होगा. गौरतलब है कि पिछले डेढ़ सालों में 191 वस्तुओं पर से टैक्स कम हुआ है. बता दें कि 22 दिसंबर 2018 को जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक होने वाली है.
मोदी की घोषणा अगर सच हुई तो दोपहिया, कारों और सीमेंट जैसे प्रमुख उत्पादों पर जीएसटी दर घटकर 18 फीसदी होगा. फ़िलहाल जीएसटी के दायरे में आने वाले क़रीब 1,280 सामान में से केवल 39 वस्तुओ पर उच्चतम कर लगता है.
पीएम मोदी की इस घोषणा पर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि संवैधानिक निकाय जीएसटी परिषद की मंजूरी के बिना प्रधानमंत्री की घोषणा अनुचित है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को एकतरफा इस तरह की घोषणा नहीं करनी चाहिए और खासतौर पर ऐसे समय में जब जीएसटी परिषद की बैठक का एजेंडा भी अभी तय नहीं हो.'
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वहीं क्लियर टैक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी अर्चित गुप्ता ने कहा, 'लगभग सभी चीजों पर 18 फीसदी या उससे कम कर लगाना चुनौतीपूर्ण होगा. कारोबारी रिटर्न दाखिल करने और इनपुट-टैक्स क्रेडिट के दावे को आसान बनाने की मांग कर रहे हैं.'
Source : News Nation Bureau