केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 6,28,993 करोड़ रुपये के आठ राहत उपायों की घोषणा के एक दिन बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह एक पैकेज नहीं है, बल्कि एक और धोखा है. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि कोई भी परिवार वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज को रहने, खाने, मेडिकल बिल, स्कूल फीस पर खर्च नहीं कर सकता. पैकेज नहीं, सिर्फ एक और धोखा है. उनकी टिप्पणी सीतारमण द्वारा 6,28,993 करोड़ रुपये के आठ राहत उपायों की घोषणा के एक दिन बाद आई है. उन्होंने आगे लिखा है कि पेट्रोल-डीज़ल टैक्स वसूली के छोटे से हिस्से से कोविड पीड़ित परिवारों को हर्जाना दिया जा सकता है- ये उनकी ज़रूरत है, अधिकार है. आपदा में जन सहायता के इस अवसर से मोदी सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए.
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इन उपायों में ईसीजीएलएस जैसी मौजूदा राहत योजनाओं में वृद्धि और राज्य सरकारों के लिए समर्थन शामिल है. इसके अलावा, सूक्ष्म ऋण उधारकतार्ओं के साथ साथ पर्यटन उद्योग को ऋण प्रदान करने के लिए कुल चार नए उपायों की घोषणा की गई. वित्तमंत्री सीतारमण ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये के गारंटीकृत ऋण की घोषणा की है.
FM के ‘आर्थिक पैकेज’ को कोई परिवार अपने रहने-खाने-दवा-बच्चे की स्कूल फ़ीस पर ख़र्च नहीं कर सकता।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 29, 2021
पैकेज नहीं, एक और ढकोसला!
कोविड संकट से उबरने के लिए 6 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज लेकर आई सरकार
केंद्र ने कोरोना संकट से जूझ रहे देश को कुछ राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों के साथ-साथ माइक्रो फाइनेंस क्रेडिट यूजर्स के लिए आठ आर्थिक राहत उपायों की घोषणा की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6,28,993 करोड़ रुपये के राहत उपायों की घोषणा की. योजनाओं में ईसीजीएलएस जैसे मौजूदा राहत उपायों में वृद्धि और राज्य सरकारों के लिए समर्थन शामिल है. इसके अलावा, सूक्ष्म वित्त ऋण यूजर्स के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को ऋण प्रदान करने के लिए कुल चार नए उपायों की घोषणा की गई. इसके अलावा, सीतारमण ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये के गारंटीकृत ऋण की घोषणा की.
HIGHLIGHTS
- पेट्रोल-डीज़ल टैक्स वसूली के छोटे से हिस्से से कोविड पीड़ित परिवारों को हर्जाना दिया जा सकता
- आपदा में जन सहायता के इस अवसर से मोदी सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए