Advertisment

अर्थव्यवस्था पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, महीनों से जो बात कह रहा था उसे RBI ने भी मान लिया

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों के हाथ में पैसा दे और उद्योगपतियों के टैक्स में कटौती नहीं करे. उन्होंने लिखा है कि सरकार को खपत को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू कराने का प्रयास करना चाहिए.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Rahul Gandhi

राहुल गांधी (Rahul Gandhi)( Photo Credit : IANS)

Advertisment

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के ऊपर जमकर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा है कि वह महीनों से अर्थव्यवस्था को लेकर चेतावनी दे रहे थे जिसकी अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी पुष्टि कर दी है. राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए ये बयान दिया है. उन्होंने एक न्यूजपेपर में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट में किया है कि सरकार के द्वारा अब ज्यादा से ज्यादा खर्च करने की जरूरत है और अधिक उधार नहीं दिया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: अभी भी नहीं सुधरे हालात, पहली तिमाही में 25% तक लुढ़क सकती है GDP

गरीबों के हाथ में ज्यादा से ज्यादा पैसा दे सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के हाथ में पैसा दे और उद्योगपतियों के टैक्स में कटौती नहीं करे. उन्होंने लिखा है कि सरकार को खपत को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को फिर से शुरू कराने का प्रयास करना चाहिए. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया के जरिए मुद्दों को भटकाने से देश के गरीब लोगों तक मदद नहीं पहुंच पाएगी. इसके अलावा उन्होंने कहा ऐसा करने से मौजूदा आर्थिक आपदा भी खत्म नहीं होगी.

कोरोना काल मे कैश ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी, 2000 के नोटों के इस्तेमाल में आई कमी
आरबीआई ने 2019-20 का सालाना रिपोर्ट या कहें बहीखाता जारी किया है जिसमे अर्थव्यवस्था के साथ आरबीआई ने नोटों के सर्कुलेशन और नोटों की डिमांड के साथ अपनी आय भी बताई है लेकिन एक बात चौकाने वाली है. कोरोना महामारी के बीच देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन कम हुआ और कैश की डिमांड ज़्यादा रही. रिपोर्ट के मुताबिक आआरबीआई ने 2019-20 के लिये जो अपना सलाना रिपोर्ट जारी किया है उसके मुताबिक देश में नोटों का सर्कुलेशन 14.7 फीसदी बढ़ा है जिसे बड़ा उछाल माना जा रहा है. रिपोर्ट की माने तो मार्च 2019 तक 21,10,892 लाख करोड़ रुपये बैंक नोट सर्कुलेशन में थे. जो मार्च 2020 तक बढ़कर 24,20,975 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है यानि करीब 15 फीसदी का इज़ाफ़ा, वहीं मार्च 2018 तक 18,03,709 लाख करोड़ रुपये की करेंसी सर्कुलेशन में थे.

यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में आई गिरावट पर क्या करें निवेशक, खरीदें या बेचें, जानिए यहां 

आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2020 तक मार्च 2018 और मार्च 2019 तक के मुकाबले 2000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन में भारी कमी आई है. 2019 में 32,910 लाख 2000 रुपये के नोट थे सर्कुलेशन में जिसका वैल्यू 6,58,199 लाख करोड़ रुपये था जो 2020 में घटकर 27398 लाख पीस रह गया, जिसका वैल्यू 5,47,962 लाख करोड़ है. वहीं 2018 में 33,632 लाख 2000 रुपये के नोट थे सर्कुलेशन में जिसका वैल्यू 6,72,642 लाख करोड़ रुपये था.

यह भी पढ़ें: RBI ने जताया बड़ा अनुमान, अगले कुछ महीने तक लगते रहेंगे महंगाई के झटके

कोरोना काल की वजह से अर्थव्यवस्था पर संकर बरकरार
आरबीआई की 2019-20 की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई-सितंबर के तिमाही में आर्थिक गतिविधियों पर कोविड 19 का संकट दिख सकता है. निवेश की गति धीमी होने के वजह से और सुधार की जरूरत है. शहरी इलाकों के खपत में कमी देखी गई है. जून तक आरबीआई के पास कुल 11.76 लाख करोड़ रुपये जमा था. आरबीआई का कुल ग्रॉस आय 1.95 लाख करोड़ से घटकर 1.50 लाख करोड़ रुपये रह गया है.

राहुल गांधी rahul gandhi Congress leader Rahul Gandhi कांग्रेस आरबीआई Indian economy RBI Reserve Bank रिजर्व बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था India GDP भारतीय जीडीपी
Advertisment
Advertisment