भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कहना है कि महंगाई को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने की प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी, जब तक खाद्य पदार्थों के भाव कम नहीं हो जाते हैं. आरबीआई के नवीनतम मासिक बुलेटिन में यह दावा किया गया है. बुलेटिन 19 जून यानी आज ही जारी की गई है. मासिक अर्थव्यवस्था की स्थिति नाम के एक लेख में कहा गया है कि जब तक खाद्य कीमतों का दबाव है, तब तक महंगाई को 4% पर लाने की कवायद जारी रहेगी. बता दें, आरबीआई ने महंगाई का लक्ष्य चार प्रतिशत निर्धारित किया है. इसमें दोनों तरफ 2-2% की छूट दी गई है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में आरबीआई तीन प्रतिनिधियों में से एक हैं. पात्रा लेख के लेखकों में भी शामिल हैं. हालांकि, आरबीआई की ओर से एक विज्ञप्ति में कहा गया कि लेख में व्यक्त किए गए विचार हमारे आधिकारिक रुख को नहीं दर्शाते हैं.
प्रचंड गर्मी के कारण बढ़ रही हैं कीमतें
केंद्रीय बैंक के जून बुलेटिन की मानें तो प्रचंड गर्मी के कारण सब्जियों और फलों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. चिलचिलाती गर्मी महंगाई को कम करने की आरबीआई की कवायद में बाधा पैदा कर सकती है. आरबीआई महंगाई को 4% के लक्ष्य पर लाने की कोशिश कर रहा है लेकिन अस्थिर खाद्य कीमतें बाधा उत्पन्न कर रहीं हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुलेटिन के जून एडिशन में कहा था कि असाधारण गर्मी सब्जियों और फलों के उत्पादन पर दबाव डाल सकते हैं.
आलू-प्याज के दामों में कितना इजाफा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक साल में आलू के दाम में 43.82 फीसद का उछाल आया है. वहीं, प्याज की कीमत में भी 55.05 फीसद का इजाफा हुआ है. पिछले साल प्याज की कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. वहीं, टमाटर की कीमतों में 37.29 फीसद का इजाफा हुआ है. इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2024 में थोक महंगाई 3 फीसद तक बढ़ सकती है. बता दें, महंगाई दर को कम करने में मानसून की भूमिका काफी अहम मानी जाती है.
Source : News Nation Bureau