500 और 1,000 हजार रुपये के पुराने नोटों की गिनती में मशीन का इस्तेमाल नहीं किए जाने संबंधी रिपोर्ट को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सफाई दी है।
आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर ने कहा है कि बैंक वास्तव में मौजूदा नोट और बेकार हो चुके पुराने नोटों की गिनती के लिए करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग मशीन (सीवीपीएस) का इस्तेमाल करता है, ताकि नोटों की वैधता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा, 'ये मशीनें महज नोटों की गिनती करने वाली मशीनों से ज्यादा अच्छी होती हैं।'
गौरतलब है कि नोटबंदी के आंकड़े देने के बाद एक आरटीआई के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा था कि बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती के लिए मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया।
10 अगस्त को दायर आरटीआई में नोटों की गिनने के लिए मशीनों की संख्या के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने कहा, '500 और 1000 रुपये के नोटों की गिनती के लिए बैंक के किसी भी ऑफिस में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है।' बैंक ने बताया कि इस काम के लिए किराए पर भी कोई मशीन नहीं ली गयी थी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था। हाल ही में आरबीआई ने नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुए पुराने नोटों का आंकड़ा जारी किया है।
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30 अगस्त को जारी सालाना रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा था कि कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये में से 15.28 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंक में वापस आ चुके हैं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून की धारा 7 (9) का हवाला देते हुए आरबीआई ने यह भी बताने से इनकार कर दिया कि नोटों की गिनती में कितने कर्मचारियों को लगाया गया था।
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HIGHLIGHTS
- 500 और 1,000 हजार रुपये के पुराने नोटों की गिनती में मशीन का इस्तेमाल नहीं किए जाने संबंधी रिपोर्ट को लेकर RBI ने दी सफाई
- आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर ने कहा है कि बैंक करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग मशीन (सीवीपीएस) का इस्तेमाल करता है
Source : News Nation Bureau