Advertisment

आज महंगा हो सकता है लोन, RBI करेगा मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा

RBI की माॅनिटरी पॉलिसी की बैठक का शुक्रवार को अंतिम दिन है. आज दोहपर में RBI इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देगा.

author-image
vinay mishra
एडिट
New Update
आज महंगा हो सकता है लोन, RBI करेगा मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा

RBI Credit Policy: repo rate ,रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी

Advertisment

RBI की माॅनिटरी पॉलिसी की बैठक का शुक्रवार को अंतिम दिन है. आज दोहपर में RBI इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देगा. वर्तमान परिस्‍थियों में जानकारों की राय है कि आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो लोगाें पर लोन की ज्‍यादा किस्‍ता चुकाने का दबाव पड़ जाएगा.

महंगाई को लेर RBI के लक्ष्य

रिजर्व बैंक ने महंगाई को 4 फीसदी रखने का लक्ष्य बनाया है. अगर महंगाई इससे ज्यादा बढ़ती है तो रिजर्व बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है. रिजर्व बैंक पिछली 2 पॉलिसी से लगातार रेपो रेट बढ़ा रहा है. रेपो रेट 0.5 फीसदी बढ़कर अभी 6.5 फीसदी पर पहुंच चुकी है.

क्‍या होता है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह.

रिवर्स रेपो रेट

जैसा इसके नाम से ही साफ है, यह रेपो रेट से उलट होता है. यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे.

सीआरआर

देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत हरेक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं.

एसएलआर

जिस दर पर बैंक अपना पैसा सरकार के पास रखते है, उसे एसएलआर कहते हैं. नकदी की तरलता को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. कमर्शियल बैंकों को एक खास रकम जमा करानी होती है जिसका इस्तेमाल किसी इमरजेंसी लेन-देन को पूरा करने में किया जाता है. आरबीआई जब ब्याज दरों में बदलाव किए बगैर नकदी की तरलता कम करना चाहता है तो वह सीआरआर बढ़ा देता है, इससे बैंकों के पास लोन देने के लिए कम रकम बचती है.

और पढ़े : Bank से ज्‍यादा सुरक्षित होता है Post Office में जमा पैसा, जान लें नियम

होम लोन लेने वालों पर पड़ सकता बोझ

अगर आरबीआई क्रेडिट पॉलिसी रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी कर देता है तो आप पर लोन की किस्‍त का बोझ बढ़ जाएगा. अगर आपने 25 साल के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन लिया है तो अभी आपकी EMI 24056 रुपए होगी, लेकिन अगर बैंक 0.25 फीसदी भी होम लोन महंगा कर देते हैं तो आपकी किस्‍त बढ़कर 24562 रुपए की हो जाएगी. इस प्रकार आप पर सालाना करीब 6060 रुपए का बोझ बढ़ जाएगा. यह गणना ब्‍याज दर 8.45 फीसदी मान कर की गई है.

बढ़ेगी वाहन लोन कि किस्‍त

अगर आपने कार लोन लिया है तो आप पर थोड़ा बोझ अब बढ़ जाएगा. अगर किसी ने 5 साल के लिए 5 लाख रुपए का लोन लिया है तो उसकी किस्‍त अभी 10354 रुपए होगी, लेकिन अगर बैंक लोन की ब्‍याज दर 0.25 फीसदी बढ़ा देते हैं तो आपकी किस्‍ता करीब 10415 रुपए हो जाएगी. इस प्रकार आप पर सालाना करीब 732 रुपए रुपए का बोझ पड़ेगा. 

Source : News Nation Bureau

Bank RBI RBI Credit Policy home loans Repo Rate Interest Rates Burden reverse repo rate Auto Loan Vehicle loan installment CRR Calculation SLR
Advertisment
Advertisment