भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की क्रेडिट पॉलिसी (RBI credit policy) की बैठक शुरू हो चुकी है. यह बैठक 3 दिन चलेगी. इस बैठक में मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (Rbi credit policy) के 6 मेंबर रेपो रेट पर फैसला लेंगे. आरबीआई (RBI) 5 दिसंबर को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा. जानकारों को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट को यथास्थिति बनाए रखेगा. अभी रेपो रेट की दर 6.5 फीसदी पर है. ये वो दर होती है जिस पर बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं. अगर रिजर्व बैंक ये दर बढ़ा देता है तो सभी बैंकों को महंगा लोन मिलता है. इस कारण वो भी ग्राहकों के लिए लोन की दरों में बढ़ोतरी कर देते हैं.
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अक्टूबर में नहीं रेपे दर
जून के बाद से रिजर्व बैंक ने लगातार 2 बार रेपो रेट बढ़ाई है. हालांकि अक्टूबर की पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने सबको चौंकाते हुए दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. अधिकतर जानकारों का मानना है कि रिजर्व बैंक 5 दिसंबर के दिन दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. इससे बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी. हालांकि महंगाई रिजर्व बैंक के लक्ष्य के हिसाब से ही चल रही है. दूसरी तरफ विकास दर के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे हैं.
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कोटक रिसर्च का अनुमान
कोटक रिसर्च के मुताबिक रिजर्व बैंक यथास्थिति बनाए रखेगा. कोटक के मुताबिक अभी खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम है क्योंकि अधिकतर खरीफ फसलों के मूल्य एमएसपी से कम है. दूसरी तरफ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुताबिक 2018-19 के दौरान भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रह सकती है. इससे रिजर्व बैंक दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा.
Source : PTI