RBI Credit Policy 2020: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई (RBI) ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है. बता दें कि देश के ज्यादातर बड़े जानकार और बड़ी एजेंसियों ने अनुमान जताया था कि रिजर्व बैंक (RBI Credit Monetary Policy) ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं करेगा. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव करने के पक्ष में नहीं थे. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 5.15, रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी, एमएसएफआर 5.40 फीसदी और बैंक रेट 5.40 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा है. RBI ने CRR 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखने की घोषणा की है.
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वित्त वर्ष 21 में जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 की तिमाही में 6.2 फीसदी ग्रोथ और पहली छमाही में ग्रोथ 5.5-6 फीसदी रहने का अनुमान है. हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव की जरूरत है. रेपो रेट के अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. आरबीआई ने ग्रोथ में सुस्ती को संभालने के लिए कई कदम उठाने की बात कही है. रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि भविष्य में ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि दिसंबर तक ग्लोबल इकोनॉमी में धीमापन दिखा है. महंगाई को लेकर सतर्क हैं.
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रियल एस्टेट के लिए बड़ी घोषणा
रिजर्व बैंक ने कमर्शियल रियल्टी लोन लेने वालों के लिए बड़ी घोषणा की है. अगर उचित कारण की वजह से लोन की अदाएगी में देरी होती है तो लोन डाउनग्रेड नहीं होगा. मतलब यह कि अगर कोई डेवलपर किसी कारण से बैंक का लोन तयशुदा समय पर नहीं चुका पाता है तो उसे 1 साल तक NPA घोषित नहीं किया जाएगा. जानकारों के मुताबिक आरबीआई के इस ऐलान से रिटल्टी सेक्टर को काफी राहत मिलेगी.
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अब तक 5 बार हो चुकी है ब्याज दरों में कटौती
गौरतलब है कि 4 फरवरी से 6 फरवरी तक चली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद आज आखिरी मौद्रिक नीति पेश कर दी गई है. बता दें कि RBI की पिछली 6 मौद्रिक नीति की बैठक में से 5 में नीतिगत दरों में बदलाव हो चुका है. वहीं आज सातवी बैठक में भी ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. मौजूदा महंगाई के हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती नहीं की गई.
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क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है.