Advertisment

RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

RBI Credit Policy: मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं थे. हालांकि रिजर्व बैंक ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई है.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
RBI Credit Policy: रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया

RBI Credit Policy( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

RBI Credit Policy 2019: रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया है. बता दें कि बाजार को उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक लगातार छठवीं बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, लेकिन आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं थे. हालांकि रिजर्व बैंक ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई है. 

यह भी पढ़ें: RBI Credit Policy: एक ही मिनट में बाजार (Share Market) हुआ धड़ाम

रिजर्व बैंक का कहना है कि CPI को ध्यान में रखते हुए ग्रोथ पर फोकस है. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च के लिए महंगाई लक्ष्य बढ़ाकर 4.7 फीसदी-5.1 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. RBI का कहना है कि छोटी अवधि में महंगाई दर बढ़ने का अनुमान है. मौजूदा समय में ग्राहकों तक रेट कटौती का फायदा धीमा पहुंच रहा है. कोऑपरेटिव बैंक में घोटाले को लेकर RBI ने कहा है कि कोऑपरेटिव बैंक के लिए डेटा बेस बनाया जाएगा और उसके लिए रेग्युलेटरी नियम भी बनाए जाएंगे.

Repo Rate  5.15 
Reverse Repo Rate  4.90
MSFR  5.40
Bank Rate  5.40

यह भी पढ़ें: भारत ने नवंबर के दौरान 5 महीने में सबसे ज्यादा सोने का इंपोर्ट किया

अक्टूबर में 0.25 फीसदी घटाई थीं ब्याज दरें
बता दें कि अक्टूबर में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. RBI ने रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया था. वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 5.15 फीसदी से घटाकर 4.90 फीसदी, मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट (MSFR) और बैंक रेट (Bank Rate) 5.65 फीसदी से घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया था.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है.

यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में आज की ट्रेडिंग के लिए इंडस्ट्री के दिग्गज जानकारों का नजरिया, देखें बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स

देश की जीडीपी 6 साल से अधिक के निचले स्तर पर
देश की आर्थिक वृद्धि में गिरावट का सिलसिला जारी है. विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी. यह छह साल से अधिक का न्यूनतम स्तर है. एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी. वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर का आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद से सबसे कम है. उस समय यह 4.3 प्रतिशत रही थी.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

RBI Monetary Policy Meeting RBI Reserve Bank RBI Credit Policy MPC
Advertisment
Advertisment
Advertisment