RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में महंगाई की दर ऊंची रह सकती है पर वर्ष की दूसरी छमाही में यह नीचे आ जाएगी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने यहां मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिवसीय बैठक के निष्कर्ष और निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि आपूर्ति की राह में अड़चने बनी हुई हैं इससे तमाम वर्ग की चीजों पर मुद्रास्फीति का दबाव है.
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खरीफ की फसल अच्छी रहने से ग्रामीण क्षेत्र में सुधरेगी मांग
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक कारोबार कमजोर और कोविड-19 महामारी के बढ़ने से पुनरूद्धार के शुरुआती जो संकेत दिखते थे वह कमजोर पड़े हैं. आरबीआई प्रमुख ने भारत के कृषि क्षेत्र पर उम्मीद व्यक्त करते हुये कहा कि खरीफ की फसल अच्छी रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मांग सुधरेगी. उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार तेज होने लगा था लेकिन कारोना संक्रमण के मामले बढ़ने से मजबूरन कई जगह लॉकडाउन लगाना पड़ गया.
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ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा की है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने के पक्ष में थे. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है. शक्तिकांत दास ने कहा कि NBFC के लिए अब फंड जुटाना आसान हो सकता है और क्रेडिट फ्लो सुधारने के लिए RBI कदम उठाएगा. कंपनियों के बॉन्ड पर रिस्क प्रीमियम कम हुआ है. उन्होंने कहा कि Franklin Templeton संकट के बाद म्यूचुअल फंड में स्थिरता देखी जा रही है. रिजर्व बैंक ने पॉलिसी में NABARD और NHB के लिए 10,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी का ऐलान किया है. (इनपुट भाषा)