नोटबंदी के बाद जन धन खाते में बेतहाशा जमा हुए पैसों के बाद सरकार ने सख्ती करते हुए इन खातों से हर महीने कैश निकालने की लिमिट तय कर दी है। जन धन खाताधारक अब एक महीने में 10000 रुपये ही निकाल पाएंगे। वहीं जिन खातों का केवाईसी नहीं हुआ है, वह हर महीने 5000 रुपये ही निकाल पाएंगे।
किसानों और ग्रामीण खाताधारकों के अकाउंट की सुरक्षा और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से बचाने के लिए आरबीआई ने यह फैसला लिया है। एक महीने में 10,000 रुपये निकालने के लिए खाताधारकों को बैंक को उचित दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके अलावा उन्हें पैसे निकालने के कारणों के बारे में भी बताना होगा। बैंक मैनेजर के संतुष्ट होने की स्थिति में खाताधारक 10,000 रुपये से अधिक की रकम निकाल सकता है।
केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जन धन योजना के तहत खुले खातों में अचानक से जमा हुई राशि के बाद सरकार हरकत में आ गई थी। ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि काला धन रखने वाले इन खातों में पैसा जमा कर उसे व्हाइट मनी में तब्दील करने की कोशिश करेंगे।
नोटबंदी के बाद लोगों के जन धन खातों में पैसों के जमा होने की रफ्तार में अचानक बेहद तेजी आ गई है। 8 नवंबर को 500 और 1000 रु के पुराने नोटों के बंद होने के ऐलान के बाद अब तक जनधन खातों में कुल 64252.15 करोड़ रु जमा हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में जन धन खातों में सबसे ज्यादा 10,670.62 करोड़ रुपये जमा हुए हैं जबकि दूसरे नंबर पर बंगाल और तीसरे नंबर पर राजस्थान है जहां सबसे ज्यादा पैसे इन खातों में जमा हुए हैं।
HIGHLIGHTS
- जन धन खाताधारक अब एक महीने में 10000 रुपये ही निकाल पाएंगे
- जिन खातों का केवाईसी नहीं हुआ है, वह हर महीने 5000 रुपये ही निकाल पाएंगे