RBI Credit Policy 2020: बजट में उपभोग बढ़ाने के लिए किसी तरह के उपाय नहीं किए गए हैं, ऐसे में रिजर्व बैंक (Reserve Bank) को वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरों में कटौती के जरिये बड़ा कदम उठाना होगा. हालांकि, बृहस्पतिवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy) में दर को यथावत रखा जा सकता है. देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने बुधवार को यह राय व्यक्त की. एचडीएफसी बैंक के अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट घोषणाओं की प्रकृति मुद्रास्फीतिक नहीं है और रिजर्व बैंक जल्दी से जल्दी जून की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है.
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5 बार हो चुकी है ब्याज दरों में कटौती
गौरतलब है कि 4 फरवरी से 6 फरवरी तक चली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद आज आखिरी मौद्रिक नीति पेश करने जा रहा है. शेयर बाजार, इंडस्ट्री और आम लोगों की नजर आज की क्रेडिट पॉलिसी पर टिकी हुई हैं. बता दें कि RBI की पिछली 6 मौद्रिक नीति की बैठक में से 5 में नीतिगत दरों में बदलाव हो चुका है. मौजूदा महंगाई के हालात को देखते हुए रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है.
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मौजूदा दरें
Repo Rate | 5.15 |
Reverse Repo Rate | 4.90 |
MSFR | 5.40 |
Bank Rate | 5.40 |
जीडीपी ग्रोथ रेट 1 दशक के निचले स्तर पर आने का अनुमान
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि मौद्रिक नीति समिति बृहस्पतिवार यानी छह फरवरी की मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI Policy) में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकती है. उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP Growth Rate) की वृद्धि दर के घटकर एक दशक के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है. ऐसे में नीतिनिर्माताओं से वृद्धि को प्रोत्साहन के उपायों की मांग उठ रही है. रिजर्व बैंक ने पिछली समीक्षा में यथास्थिति रखकर सभी को हैरान कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर मुद्रास्फीति अनुकूल होने पर स्थितियां वृद्धि की ओर झुकेंगी.
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रिपोर्ट कहती है कि मुख्य मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के ऊपर बनी रहेगी. यह रिजर्व बैंक के ऊपरी स्तर पर मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत रखने के लक्ष्य से अधिक है. हालांकि, आगे चलकर मुद्रास्फीति में कमी आएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ प्याज की कीमतों से मुद्रास्फीति प्रभावित नहीं हो रही है. मूल्यवृद्धि अधिक व्यापक है और यह वैश्विक स्तर पर खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से प्रभावित हुई है.
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क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है. (इनपुट भाषा)