भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) की तरफ से जारी रिपोर्ट में चौंकाने वाला डाटा सामने आया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पब्लिक सेक्टर बैंक 3 लाख करोड़ से ज्यादा के लोन की रिकवरी नहीं कर पाए और अब इस राशि को बट्टे खाते (NPA) में डाल दिया गया है. आरबीआई के मुताबिक देश के 21 सरकारी बैंकों ने 3 लाख 16 हजार 5 सौ करोड़ रुपए का लोन बट्टे खाते में डाल दिया गया है. यह राशि बैंक वसूलने में नाकामयाब रहे और अब इसे बट्टे खाते में डाला जा रहा है. इसे बैंकों का 'राइट ऑफ' भी कहा जाता है.
RBI के डाटा के मुताबिक सरकारी बैंक केवल 44,900 करोड़ रुपए ही वसूल पाए. जोकि बट्टे खाते में डाली गई रकम से 14 फीसदी से भी कम है. अगर वसूली दर की बात करें तो संसद की वित्तीय समिति के सामने केंद्रीय बैंक ने जवाब पेश किया है. जिसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2018 मार्च के आखिर तक वसूली दर 14.2 फीसदी रही. यह निजी बैंकों के 5 फीसदी की दर से 3 गुना है.
आपको बता दें कि देश के बैंकों का कुल एनपीए का 86 फीसदी बैड लोन इन्हीं बैंकों से दिया गया है.
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2014 के बाद से एनपीए यानी कि नॉन प्रॉफिट एसेट में लगातार बढ़ोतरी हुई है. वहीं अगर 2004 से 2014 तक की गणना करें तो पाएंगे कि 1.9 लाख करोड़ रुपए के करीब बैड लोन को बट्टे खाते में डाला गया और अगर 2013 से 2015 तक की बात करें तो 90 हजार करोड़ रुपया बट्टे खाते में गया.
Source : News Nation Bureau