उद्योग संगठन एसोचैम ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को महंगाई को ध्यान में रखकर ब्याज दर नहीं बढ़ाना चाहिए।
एसोचैम के मुताबिक, आम बजट 2018-19 में कृषि क्षेत्र को समर्पित प्रस्तावों से महंगाई बढ़ सकती है, लेकिन आरबीआई को आगामी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए।
एसोचैम की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, 'आरबीआई को बांड बाजार से उच्च आय के दबाव व किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन करने को लेकर ज्यादा प्रतिक्रियाशील नहीं होना चाहिए और सात फरवरी को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि करने से बचना चाहिए।'
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अगले वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करते हुए किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की घोषणा की थी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र के बजटीय आवंटन में भी पांच फीसदी का इजाफा किया गया।
जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटे में भी बढ़ोतरी की घोषणा की और कहा कि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी रह सकता है। इससे पहले राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.3 फीसदी रहने की बात कही गई थी।
उद्योग संगठन का कहना है कि कम से कम ब्याज दर को नहीं बढ़ाकर आरबीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस विकास की उम्मीद की जा रही है, उसे प्रोत्साहन मिले।
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Source : IANS