वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने सोमवार को कहा कि भारत में कमजोर घरेलू खपत से आर्थिक वृद्धि में गिरावट आएगी और इसका असर कई क्षेत्रों को दिये गये कर्ज की गुणवत्ता पर पड़ेगा. मूडीज़ (Moody's) ने मार्च 2020 में समाप्त होने जा रहे चालू वित्त वर्ष (Current Fiscal Year) के लिये भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि का अनुमान पहले के 5.8 प्रतिशत से घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया.
यह भी पढ़ें: मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो (Reliance Jio) के टावर संपत्ति को लेकर किया बड़ा फैसला
बेरोजगारी, ग्रामीण क्षेत्रों की वित्तीय समस्याएं, नकदी संकट से उपजी समस्या
मूडीज़ इनवेस्टर्स सर्विस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक वृद्धि (GDP Growth) को कमजोर करने में ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समस्या खड़ा होना, रोजगार सृजन कम होना और नकदी की तंगी जैसे कारणों से यह स्थिति बनेगी. मूडीज़ के सहायक उपाध्यक्ष और विश्लेषक देबराह तान ने कहा कि एक समय जो निवेश आधारित सुस्ती थी वह अब फैलती हुई खपत में कमी वाली अर्थव्यवस्था बन गई. कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की वेतन वृद्धि कमजोर पड़ने जमीन और श्रम क्षेत्र के जटिल कानूनों के चलते रोजगार सृजन में भी नरमी बनी हुई है.
यह भी पढ़ें: तीन महीने में पहली बार थोक महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 0.58 फीसदी
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू खपत भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की वृद्धि की रीढ रही है. वर्ष 2018- 19 की जीडीपी में इस क्षेत्र का 57 प्रतिशत हिस्सा रहा है. दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की तरह ही भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रह गई. पहली तिमाही में यह पांच प्रतिशत रही थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) में कर्ज संकट (Loan Crisis) से इस सुस्ती को और गहरा बना दिया. ये संस्थान हाल के वर्षों में खुदरा कर्ज उपलब्ध कराने वाले प्रमुख संस्थान बन कर उभरे हैं.
यह भी पढ़ें: Gold Technical Analysis: तकनीकी चार्ट पर सोने-चांदी में और गिरावट की आशंका, एंजेल ब्रोकिंग की रिपोर्ट
डीबीएस बैंकिंग समूह (DBS Bank) ने जीडीपी ग्रोथ रेट घटाकर 5 फीसदी किया
सिंगापुर की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस बैंकिंग समूह (DBS Bank) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (GDP Growth Rate) का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है. समूह का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में सुधार की गति धीमी रहने का अनुमान है. डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट ‘भारत वार्षिक परिदृश्य 2020’ में कहा कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था पर आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट तथा वित्तीय क्षेत्र में बनी चुनौतियां हावी रही हैं.
Source : Bhasha