साल 2015 के जनवरी से ब्याज दरों में कटौती के सिलसिले पर रोक लगाते हुए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा किया है।
दरों में बढ़ोतरी के बाद अब रेपो दर 6.25 फीसदी हो गई है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले कर्ज महंगा हो सकता है।
हालांकि बैंकों ने तत्काल ब्याज दरों में किसी इजाफे से परहेज किया है, लेकिन आने वाले दिनों में उनकी तरफ से ब्याज दरों में इजाफा किया जा सकता है।
आरबीआई ने कहा, 'नतीजतन, तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत रिवर्स रेपो दर 6.00 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 फीसदी हो गई है।'
बयान में कहा गया है, 'मौद्रिक नीति समिति का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य चार फीसदी की महंगाई दर (दो फीसदी ऊपर-नीचे) प्राप्त करना है।'
इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 7.4 फीसदी के ग्रोथ रेट के अनुमान को बरकरार रखा है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.7 फीसदी रही थी।
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HIGHLIGHTS
- ब्याज दरों में कटौती के सिलसिले पर आरबीआई ने लगाई रोक
- रेपो रेट में आरबीआई ने किया 25 आधार अंकों का इजाफा
Source : News Nation Bureau