भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक देश में वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा. RBI गवर्नर ने भरोसा दिलाया कि संकटग्रस्त एनबीएफसी (NBFC) सेक्टर पर निगरानी बनी रहेगी. दास मसूरी स्थित लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 'इवॉल्विंग रोल ऑफ सेंट्रल बैंक' विषय पर व्याख्यान दे रहे थे.
यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Rate 18 June: राजधानी दिल्ली में किस भाव पर मिल रहा है पेट्रोल-डीजल, जानें यहां
RBI ने दिशा-निर्देशों का एक मसौदा किया तैयार
उन्होंने कहा कि आरबीआई की मौद्रिक नीति में वित्तीय स्थिरता को प्रमुख घटक माना जाता है. गैर-बैंकिंग सेक्टर के संबंध में आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि एनबीएफसी के लिए मजबूत तरलता रूपरेखा के मद्देनजर आरबीआई ने हाल ही में दिशा-निर्देशों का एक मसौदा तैयार किया है.
यह भी पढ़ें: सातवां वेतन आयोग: खुशखबरी, नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के इस भत्ते में की दोगुनी बढ़ोतरी
हम उनके विनियामक और पर्यवेक्षक रूपरेखा पर भी नए सिरे से गौर कर रहे हैं. हम अधिकतम स्तर पर विनिमयन और पर्यवेक्षण की कोशिश कर रहे हैं, ताकि एनबीएफसी सेक्टर वित्तीय रूप से लचीला और मजबूत बन सके.
गौरतलब है कि सितंबर में एक वाणिज्यिक पत्र में आईएलएंडएफएस को चूककर्ता बताए जाने पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में तरलता का संकट प्रकाश में आया. दास ने कहा कि महंगाई और विकास के मकसदों के बीच एक नाजुक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हालांकि मौद्रिक नीति में मुख्य रूप से महंगाई और विकास पर ध्यान रहता है, लेकिन मुख्य विषय-वस्तु हमेशा वित्तीय स्थिरता रहती है.
HIGHLIGHTS
- RBI वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा
- संकटग्रस्त एनबीएफसी (NBFC) सेक्टर पर निगरानी बनी रहेगी: RBI गवर्नर
- एनबीएफसी के लिए मजबूत तरलता के मद्देनजर हाल ही में दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया