सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे निवेश से यूपी में उजाला और रोशनी लेकर आया है। सौर ऊर्जा के उत्पादन की दिशा में बड़े निवेशकों ने आगे आ रहे हैं। बीते चार वर्षों में 1370 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लग चुकी हैं। साथ ही, 417 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं निमार्णाधीन हैं।
सरकार ने भी सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क की स्थापना की योजना पर भी कार्य करते वर्ष 2022 तक 10700 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल अब राज्य में सोलर पैनल, सोलर लाइट, सोलर बैटरी तथा सोलर कूकर आदि का कारोबार तेजी से फैल रहा है और इनमें हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी में छूट और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष तक 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया। इस नीति का लाभ लेते हुए बुंदेलखंड के सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर में अब तक कुल 11 सौर ऊर्जा प्राइवेट कंपनियां अपने सौर प्रोजेक्ट स्थापित कर चुकी हैं। इनसे साढ़े 500 मेगावाट से ज्यादा बिजली रोजाना मिल रही है। यहीं नहीं अब तक अछूते रहे विष्व प्रसिद्ध धार्मिक क्षेत्र चित्रकूट में भी अब सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया है। चित्रकूट में एक निजी कंपनी ने छीबों गांव में 25 मेगावाट का सौर ऊर्जा यंत्र चालू कर दिया है।
चित्रकूट जिले के मऊ छीबों गांव में 50 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट भी लगाया गया है। आरईसी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 50 मेगावाट का सोलर प्लांट कानपुर देहात में तथा 75 मेगावाट का सोलर प्लांट जालौन में लगाने की पहल की है। कई अन्य निजी कंपनियां भी राज्य के विभिन्न जिलों में सोलर प्लांट लगा रही हैं।
राज्य में 8,905 करोड़ रुपए के निवेश से तैयार हुई दो दर्जन से अधिक सौर पावर परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। प्रदेश में 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं। अब गांवों में बाजारों और सड़कें सोलर स्ट्रीट लाईटों पहुंच गयी है। इसी प्रकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की मदद से 25569 बाजारों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य विकास योजना में चयनित राजस्व ग्रामों में 13791 सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों को लगाने का काम किया गया है। किसानों को लाभ देने के लिये सिंचाई में उपयोगी 19579 सोलर पम्प लगाए हैं। गांव में घर-घर तक 01 लाख 80 हजार सोलर पावर संयंत्रों की स्थापना हो रही है।
सरकार ने जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत 2492 करोड़ रुपये का निजी निवेश आमन्त्रित किया। इसकी मदद से 720 करोड़ रुपये की लागत की 180 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पाद इकाइयां स्थापित की गईं। पहली बार प्रदेश में 2937 सोलर आरओ वाटर संयंत्रों की स्थापना प्राथमिक विद्यालयों में करवाई गई। जिसके चलते इन स्कूलों में बच्चों को शुद्ध पानी विद्यालय में ही पीने को मिल रहा है।
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Source : IANS