सरकार पेट्रोल पंप (Petrol Pump) खोलने के नियम बदलने की तैयारी में है. इसके लिए बनाई गई जानकारों की कमेटी ने शुरुआती तैयारी कर ली है. अब यह कमेटी अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करने जा रही है. लेकिन इसके पहले लोगों की राय लेने के लिए इसे जार किया गया है. लोगों की राय आने के बाद इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा. इस कमेटी को विमान ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री के तरीके पर सुझाव देने हैं.
दो हफ्ते का दिया समय
ऑयल मिनिस्ट्री (Ministry of Petroleum & Natural Gas) ने पेट्रोल, डीजल और एटीएप की बाजार में बिक्री के लिए जारी होने वाले लाइसेंस के नियमों को आसान बनाने के लिए कदम उठाने के लिए काम शुरू किया था. मंत्रालय ने इसके लिए सुझाव देने हेतु पिछले महीने 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति की पहली बैठक 2 नवंबर को आयोजित हुई. इस बैठक में सभी हितधारकों और आम जनता से सुझाव लेने का फैसला किया गया. इसके बाद लोगों से सुझाव लेने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. इन दो हफ्तों में लोग इस बारे में अपने सुझाव दे सकते हैं.
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60 दिनों में आनी है रिपोर्ट
समिति को अपनी रिपोर्ट 60 दिनों के अंदर पेश करनी है. यह समिति देश में पेट्रोल और डीजल सहित विमानो के ईंधन यारी एटीएफ के खुदरा कारोबार के मौजूदा ढांचे और स्तर का भी अध्ययन करेगी. यह समिति निजी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए रिटेल आउटलेट्स के विस्तार में आने वाली अड़चनों की भी पहचान करेगी.
ये हैं समिति के सदस्य
इस समिति में जानेमाने अर्थशास्त्री किरिट पारिख, पूर्व तेल सचिव जीसी चतुर्वेदी, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पूर्व चेयरमैन एमए पठान, आईआईएम अहमदाबाद के डायरेक्टर एरोट डीसूजा और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में संयुक्त सचिव आशुतोष जिंदल शामिल हैं.
अभी यह हैं नियम
वर्तमान में, भारत में ईंधन की खुदरा बिक्री (पेट्रोल पंप) (Petrol Pump) के लिए लाइसेंस लेने हेतु एक कंपनी को हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और उत्पादन, रिफाइनिंग, पाइपलाइन या तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल में 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना आवश्यक होता है. मंत्रालय ने विशेषज्ञ समिति से पेट्रोल, डीजल और एटीएफ के लिए खुदरा लाइसेंस देने हेतु मौजूदा निर्देशों को लागू करने से जुड़े मुद्दों पर सुझाव देने के लिए भी कहा है.
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अभी इतने हैं देश में पेट्रोल पंप (Petrol Pump)
देश में इस समय कुल 63,498 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) हैं, जिसमें से अधिकांश सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज, नायरा एनर्जी (पूर्व नाम एस्सार ऑयल) और रॉयल डच शेल प्राइवेट कंपनियां हैं, जिनकी उपस्थिति सीमित है. दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी चलाने वाली रिलायंस के पास इस समय देश में 14,00 से कम पेट्रोल पंप (Petrol Pump) हैं. नायरा एनर्जी के 4,833 और शेल के 114 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) देशभर में संचालित हैं. 27,325 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) के साथ आईओसी मार्केट लीडर है. इसके बाद 15,255 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) के साथ एचपीसीएल दूसरे और 14,565 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) के साथ बीपीसीएल तीसरे स्थान पर है.
इनके पास भी है लाइसेंस
ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने कुछ वर्ष पहले भारत में 3500 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) खोलने का लाइसेंस हासिल किया था, लेकिन उसने अभी तक इस पर काम शुरू नहीं किया है. पिछले हफ्ते ही, फ्रांस की ऊर्जा कंपनी टोटल ने अडानी ग्रुप के साथ मिलकर अगले 10 सालों में 1500 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) खोलने की घोषणा की है.
Source : News Nation Bureau