डॉलर के मुकाबले रुपया 80 प्रति डॉलर के करीब पहुंच चुका है. हालांकि रुपये में आज 4 पैसा की मजबूती ज़रूर देखने को मिली, लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये का कमज़ोर होना जारी रहने वाला है. 26 और 27 जुलाई में अमेरिका फ़ेडरल रिज़र्व बैंक ब्याज दरों में .50 फ़ीसदी से लेकर .75 फीसदी तक कि बढ़ोतरी कर सकता है. जिससे एक बार फिर रुपये में गिरावट देखी जाएगी. इससे रुपया 82 रुपया प्रति डॉलर तक रुपया गिर सकता है.
जानकार मानते हैं कि अभी भी सेंटीमेंट अच्छे नहीं दिख रहे हैं जिसका असर बाजार से लेकर आम आदमी तक पड़ेगा. यानी डॉलर ने पिछले 10 साल के रेकोर्ड को तोड़ा है तो वहीं इससे खास असर आम आदमी पर पड़ने वाला है. विदेशों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस और रहना अब 15-20 फ़ीसदी महँगा हो चुका है. विदेश जाना - आना, फ्लाइट के किराए में बढ़ोतरी हो चुकी है. विदेशी इम्पोर्ट किया हुआ समान भी अब महँगा होगा, जिसमें इम्पोटेड कार, आयातित सोना, आयातित इलेक्ट्रॉनिक गुड्स इनमें भी तेज़ी देखी जाएगी. जानकारों की माने तो ऐसे ही अगर बढ़ोतरी जारी रही तो क्रूड ऑयल महँगा हो जाएगा इसका प्रभाव अगले 15 दिन में दिखने लगेगा.
डॉलर के मुकाबले रुपया 82 के पार जाने की संभावना पर इसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है. लगातार कमज़ोर होता रुपया निवेशकों के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है अभी तक शेयर बाजार में तकरीबन 30 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है..आज रुपया 4 पैसा प्रति डॉलर संभला ज़रूर है लेकिन अभी भी रुपया डॉलर के मुकाबले काफी निचले स्तर पर बना हुआ है.
Source : News Nation Bureau