भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 16.5 प्रतिशत की गिरावट की आशंका जतायी है. इससे पहले, मई में एसबीआई रिपोर्ट (State Bank Of India) में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका जतायी गयी थी. हालांकि वर्तमान अनिश्चित परिदृश्य में कुछ शर्तों के साथ अब इसमें 16.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है. एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपनी रिपोर्ट इकोरैप में कहा कि जहां तक सूचीबद्ध कंपनियों के परिणाम का सवाल है, कॉरपोरेट जीवीए (कुछ वित्तीय और गैर-वित्तीय कंपनियों के उम्मीद से बेहतर परिणाम) वित्त वर्ष 2020-21 में आय में गिरावट के मुकाबले बेहतर रहा है. अबतक करीब 1,000 सूचीबद्ध इकाइयों ने पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा की है.
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आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित
परिणाम बताते हैं कि कंपनियों की सकल आय में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी है जबकि शुद्ध आय यानी लाभ में 55 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गयी है. हालांकि कॉरपोरेट जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) में गिरावट केवल 14.1 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार सैद्धांतिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों की आय में गिरावट की भरपाई लागत को युक्तिसंगत कर किया गया है, इससे कंपनियों के मार्जिन पर प्रभाव नहीं पड़ा. इसमें आगे कहा गया है कि जुलाई और अगस्त महीने में कोरोना वायरस की पैठ ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है. कुल नये मामलों में ग्रामीण व छोटे जिलों की हिस्सेदारी बढ़कर 54 प्रतिशत हो गयी है. रिपोर्ट के अनुसार ऐसे ग्राीण जिलों की संख्या घटी है जहां 10 से कम कोरोना वायरस के मामले थे. आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों से ज्यादा प्रभावित हैं.
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इसमें कहा गया है कि इन जिलों का अपने-अपने राज्यों के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में हिस्सेदारी करीब 2 से 4 प्रतिशत है. यह बताता है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में मामले बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कोविड-19 के कारण जीएसडीपी में कुल नुकसान 16.8 प्रतिशत होगा. राज्यवार विश्लेषण संकेत देते हैं कि कुल जीडीपी नुकसान में शीर्ष 10 राज्यों की हिस्सेदारी 73.8 प्रतिशत है. इसमें महाराष्ट्र का योगदान 14.2 प्रतिशत है. उसके बाद क्रमश: तमिलनाडु (9.2 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (8.2 प्रतिशत) का स्थान है. इकोरैप के अनुसार इसके कारण अखिल भारतीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति नुकसान करीब 27,000 रुपये है. तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, गोवा में यह नुकसान 2020-21 में करीब 40,000 रुपये प्रति व्यक्ति है.