SBI Ecowrap Report: स्टेट बैंक (State Bank) की इकोरैप रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में रोजगार सृजन काफी प्रभावित हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक अर्थव्यवस्था (Economy) में मंदी (Slowdown) की वजह से नए रोजगार के अवसर नहीं बन पाए हैं और पिछले साल के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में 16 लाख कम रोजगार सृजित होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में देश में कुल 89.7 लाख रोजगार सृजन हुए थे.
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कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ना अर्थव्यवस्था और वित्तीय तंत्र के लिए खतरा
रिपोर्ट में निजी कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के वेतन में कम बढ़ोतरी को लेकर भी चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों द्वारा उठाए गए कदम से अधिक कर्ज लेने वालों की संख्या में इजाफा होने का खतरा है. कर्ज लेने वालों की संख्या में इजाफा होना अर्थव्यवस्था और वित्तीय तंत्र के लिए खतरा पैदा कर सकता है. बता दें कि मई 2019 में केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने इस बात को स्वीकर किया था कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बता दें कि जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी दर्ज की गई थी. इस दौरान करीब 7.8 फीसदी शहरी युवाओं के पास नौकरी बिल्कुल भी नहीं थी.
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रिपोर्ट के मुताबिक इंडस्ट्री में मंदी की वजह से नए श्रमिकों की मांग में कमी देखने को मिली है. वहीं मंदी के ही बीच कई कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया का भी सामना कर रही हैं. इन कंपनियों के समाधान में काफी देरी हो रही है जिसकी वजह से भी श्रमिकों की भर्तियों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार असम, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और ओडिशा से बाहर गए लोगों की ओर से अपने गृह राज्य को भेजे जाने वाले पैसे में गिरावट दर्ज की गई है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए प्रतीत हो रहा है कि देश में ठेका श्रमिकों की संख्या में काफी कमी दर्ज की गई है.
Source : News Nation Bureau