भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने स्पष्ट किया है कि 1 जून से एटीएम से की जाने वाली सभी किस्म की निकासी पर शुल्क नहीं लगेगा, बल्कि केवल मोबाइल वॉलेट से की जाने वाली निकासी पर ही 25 रुपये प्रति निकासी प्रभार लगेगा।
बैंक ने एक बयान में कहा, '25 रुपये प्रति लेन-देन शुल्क केवल मोबाइल वॉलेट ऐप एसबीआई बडी से की जानेवाली एटीएम निकासी पर लगेगा। यह केवल एसबीआई ग्राहकों पर लागू होगा।'
यह स्पष्टीकरण एसबीआई की उस अधिसूचना के बाद आया है जिसमें संकेत मिला कि एटीएम से पैसे निकालने के लिए 25 रुपये शुल्क लिया जाएगा, हालांकि बाद में दूसरी अधिसूचना जारी कर इस गलती को दूर कर लिया गया।
बैंक ने कहा कि एटीएम से मुफ्त निकासी की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एसबीआई के जनधन खाता धारक एक महीने में चार बार मुफ्त निकासी का लाभ उठा सकते हैं।
सामान्य बचत बैंक खाताधारकों को महानगरों में आठ नि:शुल्क एटीएम लेनदेन (एसबीआई एटीएम से पांच और अन्य बैंक एटीएम से तीन) और गैर महानगरों में 10 नि:शुल्क लेनदेन (एसबीआई एटीएम से पांच और अन्य बैंक एटीएम से पांच) जारी रहेगा।
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इससे पहले केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने गुरुवार को एसबीआई पर अपने नुकसान की पूर्ति के लिए आम जनता से शुल्क वसूलने का आरोप लगाया था।
केरल विधानसभा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए इसाक ने कहा कि इस 'पागलपन' भरे कदम का एकमात्र कारण यही है कि एसबीआई का बहुत सारा धन गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (बड़े कर्जदारों के पास फंसी रकम) के रूप में फंसा है जो बढ़कर 1.67 लाख करोड़ रुपये हो चुका है। इसी रकम की भरपाई के लिए बैंक ने यह शुल्क लगाया है।
बैंक की पहले जारी अधिसूचना के तहत ग्राहक द्वारा हर बार एटीएम से नकदी निकालने पर 25 रुपये का शुल्क तथा 5,000 रुपये से अधिक पुराने और कटे-फटे नोट बदलने पर भी शुल्क लगने की बात कही गई थी।
माकपा के लोकसभा सदस्य एम.बी. राजेश ने कहा, 'यह अपमानजनक है और केंद्र सरकार लोगों को धोखा दे रही है। जब से नोटबंदी लागू की गई है, तभी से केंद्र सरकार लोगों को सता रही है। इसे संसद के अंदर और संसद के बाहर जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।'
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Source : IANS