भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की कोर्ट ने शुक्रवार को सहारा चीफ सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को खारिज कर दिया। सुब्रत रॉय खुद इस सुनवाई के समय अदालत में थे और इसे ही आधार बनाकर कोर्ट ने यह फैसला दिया।
साथ ही कोर्ट ने गैर जमानती वारंट खारिज करते समय यह शर्त भी रखी कि सुब्रत रॉय सभी सुनवाई के दौरान हाजिर होंगे। कोर्ट ने इस संबंध में उनसे लिखित तौर पर आश्वासन भी देने को कहा। इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 मई को होगी और तभी आरोप तय होने को लेकर बहस भी शुरू होगी।
गौरतलब है कि 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को बड़ा झटका देते हुए उनके एंबी वैली को नीलाम करने का आदेश दे दिया है। दरअसल, कोर्ट की लगातार चेतावनी के बाद सहारा निवेशकों का पैसा नहीं लौटा रही थी।
कोर्ट ने कहा था कि बॉम्बे हाई कोर्ट की निगरानी में एंबी वैली की नीलामी होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को मामले की अगली सुनवाई में निजी तौर पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है, जिसकी सुनवाई 28 अप्रैल को होनी है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को 17 अप्रैल तक 5,000 करोड़ रुपये जमा कराए जाने का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने लोनावाला में सहारा की प्रॉप्रटी एंबी वैली को जब्त किए जाने का आदेश दिया था।
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सहारा ग्रुप के इस प्रॉपर्टी की कीमत 39,000 करोड़ रुपये है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब तक सहारा से रकम की वसूली नहीं होती है तब तक यह टाउनशिप सुप्रीम कोर्ट के पास ही रहेगी।
सेबी सहारा के खिलाफ साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट गया था। सेबी ने 36 हजार करोड़ रुपए सहारा से वसूल कर निवेशकों को वापस कराने की अपील की थी। बाद में सुब्रत रॉय को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने के लिए चार मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भी भेजा गया था।
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HIGHLIGHTS
- सुब्रत रॉय पर निवेशकों के 36 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने का आरोप
- सुप्रीम कोर्ट पहले ही सहारा के एंबी वैली की नीलामी की आदेश दे चुका है
- सेबी सहारा के खिलाफ 2012 में गया था सु्प्रीम कोर्ट के पास
Source : News Nation Bureau