देश के सर्विस सेक्टर में पिछले महीने एक बार फिर तेजी आई है। इसका मुख्य कारण कारोबार में तेज़ी और मुद्रास्फीति में ऐतिहासिक गिरावट है। यह जानकारी प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों के ज़रिए सोमवार को मिली है।
निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी सूचकांक मई में 52.2 पर रहा, जो अप्रैल में 50.2 था। इस सूचकांक में 50 से ऊपर का मतलब आर्थिक गतिविधियों में तेजी तथा 50 से कम का मतलब गिरावट माना जाता है।
इसके साथ ही निक्केई इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक भी पिछले महीने सात महीनों की ऊंचाई पर 52.5 अंक पर पहुंच गया, जोकि अप्रैल में 51.3 पर था।
आईएसएच मार्किट के अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका पॉलयाना डी लीमा ने कहा, 'पहली तिमाही में सेवा क्षेत्र में वापस लौटी तेजी से यह प्रतीत होता है कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) तेजी से बढ़ने के साथ ही जून में अपनी विकास की गति को बनाए रखेगी, हालांकि इसमें नकारात्मक प्रभाव की भी संभावनाएं हैं।'
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उन्होंने कहा, 'अप्रैल से तेज होने के बावजूद, दोनों सेवाओं की गतिविधियां और नए कामों में वृद्धि की दरें भारत के लिए सामान्य की तुलना में बहुत कमजोर हैं। इसके अलावा मांग घटने से कारोबारी आत्मविश्वास कम हुआ है।'
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Source : IANS